प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन की बांग्लादेश की यात्रा पर हैं. इस बीच उन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपति अब्दुल हामिद, प्रधानमंत्री शेख हसीना और बांग्लादेश के नागरिकों का मैं आभार प्रकट करता हूं. आपने अपने इन गौरवशाली क्षणों में, इस उत्सव में भागीदार बनने के लिए भारत को सप्रेम निमंत्रण दिया.
उन्होंने कहा, ‘मैं सभी भारतीयों की तरफ से आप सभी को, बांग्लादेश के सभी नागरिकों को हार्दिक बधाई देता हूं. मैं बॉन्गोबौंधु शेख मुजिबूर रहमान जी को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने बांग्लादेश और यहां के लोगों के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया. मैं आज भारतीय सेना के उन वीर जवानों को भी नमन करता हूं जो मुक्ति योद्धा में बांग्लादेश के भाइयों-बहनों के साथ खड़े हुए थे, जिन्होंने मुक्ति योद्धा में अपना लहू दिया, अपना बलिदान दिया और आजाद बांग्लादेश के सपने को साकार करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई.’
पीएम ने कहा, ‘मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था. बांग्लादेश के मेरे भाइयों और बहनों को, यहां की नौजवान पीढ़ी को मैं एक और बात बहुत गर्व से याद दिलाना चाहता हूं. बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना, मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था. यहां के लोगों और हम भारतीयों के लिए आशा की किरण थे- बॉन्गोबौन्धु शेख मुजिबूर रहमान. बॉन्गोबौन्धु के हौसले ने, उनके नेतृत्व ने ये तय कर दिया था कि कोई भी ताकत बांग्लादेश को ग़ुलाम नहीं रख सकती.’
‘बांग्लादेश-भारत के लिए अगले 25 वर्षों बहुत ही महत्वपूर्ण’
उन्होंने कहा, ‘ये एक सुखद संयोग है कि बांग्लादेश के आजादी के 50 वर्ष और भारत की आजादी के 75 वर्ष का पड़ाव, एक साथ ही आया है. हम दोनों ही देशों के लिए 21वीं सदी में अगले 25 वर्षों की यात्रा बहुत ही महत्वपूर्ण है. हमारी विरासत भी साझी है, हमारा विकास भी साझा है. आज भारत और बांग्लादेश दोनों ही देशों की सरकारें इस संवेदनशीलता को समझकर इस दिशा में सार्थक प्रयास कर रही हैं. हमने दिखा दिया है कि आपसी विश्वास और सहयोग से हर एक समाधान हो सकता है. हमारा लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट भी इसी का गवाह है.’
पीएम ने की राजनीतिक और सामुदायिक नेताओं से मुलाकात
इससे पहले बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान की छोटी बेटी शेख रेहाना ने गांधी शांति पुरस्कार 2020 रिसीव किया, जोकि रहमान मरणोपरांत प्रदान किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां राजनीतिक और सामुदायिक नेताओं से मुलाकात की, जिनमें अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधि तथा बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के ‘मुक्ति योद्धा’ शामिल रहे. विदेश मंत्रालय के अनुसार मोदी ने सत्तारूढ़ ग्रैंड अलायंस के नेताओं से मुलाकात की, जिस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय रिश्तों से जुड़े विविध विषयों पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय ने मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘बांग्लादेश के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 पार्टियों के गठबंधन के नेताओं और संयोजक से मुलाकात की.’’