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मुलायम सिंह के पार्थिव शरीर को नुमाइश ग्राउंड पंडाल ले जाया जा रहा

समाजवादी पार्टी के संरक्षक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का आज दोपहर को उनके पैतृक गांव सैफई में अंतिम संस्कार होगा. उनके पार्थिव शरीर को सुबह 10 बजे से अंतिम दर्शन के लिए सैफई मेला ग्राउंड के पंडाल में रखा जाएगा. करीब 3 बजे राजकीय सम्मान से उनका अंतिम संस्कार होगा. सैफई में इसके लिए प्रशासन और मुलायम सिंह यादव के परिवार ने पूरी तैयारियां भी कर ली हैं. मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया था. 82 साल की उम्र में उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली थी. कांग्रेस की ओर से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे. देश के कोने कोने से लोग नेताजी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे हैं.

सैफई में लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा है. लोग अपने अपने तरीके से मुलायम सिंह यादव को याद कर रहे हैं, उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री, JDU नेता केसी त्यागी, केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल , राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड़गे, यूपी के दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार में शामिल होने सैफई पहुंचेंगे.

इसके अलावा एनसीपी चीफ शरद पवार और सुप्रिया सुले के भी सैफई पहुंचने की चर्चा है. मुलायम सिंह का पार्थिव शरीर सैफई में अखिलेश यादव के घर के अंदर रखा हुआ है. बाहर भारी भीड़ जमा है लोगों को शांत करने समझाने के लिए जैसे ही धर्मेंद्र यादव अंदर से बाहर आए तो वह फूट-फूटकर रो पड़े. वे दीवार पर सिर रखकर भी रो रहे थे. लोगों से हाथ जोड़कर निवेदन कर रहे थे और शांति बनाए रखने की अपील कर रहे थे. मुलायम सिंह यादव के अंतिम दर्शनों के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बाहर के लोगों का आने का सिलसिला लगातार जारी है.

लोगों की उमड़ रही भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सैफई महोत्सव पंडाल की तरफ जाने वाले हर रास्ते पर गाड़ियों के आवागमन को रोक दिया है. ओम प्रकाश राजभर अपने विधायकों और बेटे अरुण राजभर के साथ सैफई पहुंचे. ओम प्रकाश राजभर ने बताया की उन्होंने नेताजी से बहुत कुछ सीखा और उनकी सीखें लेकर वह आज भी अमल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि काफिले में तमाम गाडियां शक्ति प्रदर्शन नहीं बल्कि तमाम विधायक हैं साथ इसलिए गाडियां ज्यादा हैं. उन्होंने कहा नेताजी वह शख्सियत थे, जिन्हें सदियों याद रखा जाएगा.