लोकसभा चुनाव 2024 में जीत की हैट्रिक लगाने के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) एड़ी चोटी क जोर आजमा रही है. पार्टी संगठन और कैंपेन को मजबूत करने के साथ ही विपक्षी दलों (विशेषकर कांग्रेस) को कमजोर करने पर भी फोकस कर रही है. पार्टी ने इसके लिए कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को बीजेपी में शामिल करने की तैयारी की है. बीजेपी इसके अलावा एनडीए छोड़कर गए दलों का कमबैक कराने पर सोच-विचार कर रही है.
चुनावों के पहले इस खास काम के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी के लगभग 300 नेताओं को एक स्पेशल टास्क सौंपा है. अंग्रेजी अखबार दि इंडियन एक्सप्रेस के डेल्ही कॉन्फिडेंशियल कॉलम में छपी जानकारी के मुताबिक, भाजपा नेतृत्व पहले ही एक उच्च-स्तरीय पैनल गठित कर चुका है जिसे जॉइनिंग कमेटी कहा जाता है और इसमें केंद्रीय मंत्री भूपिंदर सिंह यादव, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और महासचिव (संगठन) बीएल संतोष हैं.
बीजेपी की चुनाव प्रचार रणनीति की रूपरेखा तैयार करने के लिए मंगलवार (16 जनवरी) को हुई एक अहम बैठक में अमित शाह ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दोबारा जिम्मेदारियां सौंपी. 300 से ज्यादा नेताओं को संसदीय क्षेत्रों पर नजर रखने के लिए कहा गया है. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने 146 क्लस्टर बनाए हैं और हर नेता के पास लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार की देखरेख के लिए तीन से पांच निर्वाचन क्षेत्र रहेंगे.
भाजपा, एनडीए से गए पुराने सहयोगियों को भी फिर शामिल करने को तैयार है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार की इंडिया गठबंधन के नेताओं के साथ चल रही कथित तकरार के बाद चर्चा है कि वह फिर से बीजेपी के साथ जा सकते हैं. इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री ने हिंदी अखबार राजस्थान पत्रिका को दिए इंटरव्यू में नीतीश और बाकी पुराने सहयोगियों के वापस लौटने के सवाल को लेकर कहा, “जोड़-तोड़ से राजनीति में बात नहीं होती लेकिन किसी का अगर कोई ऐसा प्रस्ताव आता है तो विचार किया जाएगा.”
चूंकि, कांग्रेस की ओर से अब भी पीएम फेस के रूप में राहुल गांधी का नाम सबसे आगे आता है. ऐसे में बीजेपी का ज्यादा जोर गांधी की टीम को तोड़कर उन्हें कमजोर करने पर है. पार्टी इस लक्ष्य में कामयाब होती भी दिखी. कभी राहुल गांधी की टीम के हिस्सा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद और आरपीएन सिंह सरीखे नेता अब बीजेपी में हैं. मिलिंद देवड़ा (कांग्रेस में थे) को भी बीजेपी ने शामिल करने की कोशिश की पर वह शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट के पास चले गए. भाजपा की नजर अब भी कई ऐसे युवा नेताओं पर है जो राहुल के खास हैं. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस कई ऐसे बड़े नेताओं को बीजेपी में लाने के लिए उनसे संपर्क कर रही है जो गांधी परिवार के करीबी हैं.