गुजरात विधानसभा चुनाव (gujarat assembly election) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। गोधरा से भाजपा ने चंद्रसिंह राउलजी (Chandrasingh Raulji) को फिर से उम्मीदवार घोषित किया है। वह इस सीट से लगातार छह बार से जीतते आ रहे हैं। राउलजी, बिलिकिस बानों के दोषियों की रिहाई का फैसला करने वाले पैनल का भी हिस्सा थे। ऐसे में इसको लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं।
पश्चिम बंगाल की सांसद व टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने चंद्रसिंह राउलजी को दोबारा टिकट देने पर भाजपा पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि यह गुजरात मॉडल है, जहां दुष्कर्मियों और हत्यारों को ‘संस्कारी’ कहने वालों को टिकट दिया जाता है। जहां नफरत और हत्या बढ़ाने वाले को इनाम दिया जाता है। बता दें, महुआ मोइत्रा उन याचिकाकर्ताओं में हैं, जिन्होंने बिलिकिस बानों मामले के दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
गुजरात सरकार ने किया था रिहा करने का फैसला
बिलिकिस बानो के दुष्कर्म व हत्या के मामले में 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। बीते 15 अगस्त को राज्य सरकार द्वारा केंद्र की मंजूरी पर उन्हें जेल में अच्छे व्यवहार के चलते 15 साल बाद रिहा कर दिया गया था। इन 11 लोगों की रिहाई का फैसला करने वाले पैनल में गोधरा विधायक व पूर्व मंत्री चंद्रसिंह राउलजी भी शामिल थे। एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने बिलिकिस बानों के दुष्कर्मियों व हत्यारों को संस्कारी ब्राह्मण कहकर संबोधित किया था, जिसके बाद बवाल मच गया था।
कांग्रेस छोड़ भाजपा में हुए थे शामिल
2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चंद्रसिंह राउलजी ने कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्हें भाजपा के टिकट से जीत भी मिली थी। इससे पहले 2007 और 2012 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में भी वह इस सीट से जीते थे। वह इस सीट से लगातार छह बार से जीत हासिल करते आ रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस छोड़ने के बाद पिछले विधानसभा चुनावों में जीत का अंतर 300 से भी कम रह गया था।