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महिला विश्व चैंपियनशिप में भारत के चार पदक पक्के

निखत ज़रीन, लवलीना बोरगोहेन, नीतू घंघास और स्वीटी बूरा की दमदार चौकड़ी ने बुधवार को महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपने-अपने क्वार्टरफाइनल मुकाबले जीतकर भारत के लिये चार पदक सुनिश्चित कर लिये।

इंदिरा गांधी स्टेडियम पर जारी प्रतियोगिता में लवलीना (75 किग्रा) ने शानदार फॉर्म जारी रखते हुए पिछले साल की कांस्य पदक विजेता मोजांबिक की रेडी ग्रामाने को 5-0 से हराया। निखत ने 50 किग्रा वर्ग के क्वार्टरफाइनल में थाईलैंड की छूतामत रक्षत को 5-2 से मात दी। नीतू ने 48 किग्रा वर्ग में जापान की मदोका वाडा को आरएससी (रेफरी द्वारा मैच को रोका जाना) पद्धति से हराया, जबकि स्वीटी (81+ किग्रा) ने बेलारूस की विक्टोरिया केबिकावा को 5-0 की करारी शिकस्त दी।

दो बार की विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता रक्षत ने उत्तम दर्जे का खेल दिखाते हुए निखत को कड़ी टक्कर दी। गत विश्व चैंपियन निखत इस गलाकाट प्रतियोगिता में अपनी बेहतर तकनीकी क्षमता से जीत हासिल करने में कामयाब रहीं।

निखत ने जीत के बाद कहा, “हां, आज का मुकाबला तनावपूर्ण था लेकिन मैं विभाजित निर्णय से जीती इसलिए मैं खुश हूं कि मैंने अपने देश के लिए पदक हासिल किया। आगे चलकर मैं स्वर्ण पदक भी जीतूंगा।”

उन्होंने कहा, “मेरी रणनीति आज पहले दो राउंड में जीतने की थी। मैंने दो राउंड 3:2 से जीते इसलिए अंतिम राउंड में मैंने दूर से खेलने का लक्ष्य रखा। अब तक मैंने जितनी भी बाउट खेली हैं, उनमें मुझे मुश्किल प्रतिद्वंदी मिले लेकिन मेरे लिये आगे बढ़ते रहना और उन्हें हराना एक अच्छा अनुभव रहा है। उम्मीद है कि मैं इसी तरह आगे बढ़ती रहूंगी और अपने देश के लिये लड़ूंगी।”

निखत को जहां जीत हासिल करने के लिये कड़ा संघर्ष करना पड़ा, वहीं लवलीना, नीतू और स्वीटी ने एकतरफा मुकाबले जीतकर कांस्य पदक पक्के कर लिये।

लवलीना ने अपनी जीत पर कहा, “कोचों ने मुझे बताया था कि आज कैसे खेलना है और उनकी योजना कारगर साबित हुई। मैं इस भार वर्ग में सहज महसूस करती हूं और प्रतियोगिताओं में अपने प्रदर्शन के साथ मैंने इसे अच्छी तरह से अपनाया है। आज का पदक मेरे लिये बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन मैं कांस्य पदक से संतोष नहीं करना चाहती क्योंकि यह आगामी एशियाई खेलों के लिये भी महत्वपूर्ण होने जा रहा है।”

ओलंपिक पदक विजेता लवलीना अब सेमीफाइनल में 2018 विश्व चैंपियन और दो बार की ओलंपिक पदक विजेता चीन की ली कियान के खिलाफ रिंग में उतरेंगी। नीतू का सामना मौजूदा एशियाई चैंपियन कजाकिस्तान की अलुआ बाल्किबेकोवा से होगा।

नीतू ने मदोका को हराने के बाद कहा, “अभी तक जो भी मुकाबले हुए हैं उनमें मैं अच्छी तरह तकनीक का इस्तेमाल कर सकी हूं। मैंने तीनों मैच आरएससी से जीते हैं। अगले मुक्केबाज पर इससे दबाव बनेगा और मुझे फायदा होगा।”

उन्होंने कहा, “हमारी पूरी टीम स्वर्ण पदक का लक्ष्य लेकर आयी है। हम अपना 100 प्रतिशत देकर स्वर्ण लेकर जायेंगे। पिछली बार मैं स्वर्ण से चूक गयी थी लेकिन इस बार मैं बेहतर तैयारी करके आयी हूं। भारत में घरेलू दर्शक होने से भी फायदा है इसलिये मैं स्वर्ण को हाथ से नहीं जाने दूंगी।”

स्वीटी ने कहा, “बेलारूस की मुक्केबाज़ (विक्टोरिया) एक विश्व पदक के साथ एक बहुत अच्छी मुक्केबाज़ है और अपरकट सहित हमारी दोनों ताकतें समान हैं। मुझे पता था कि मुझे अंत तक लड़ना होगा। मैं आखिरी राउंड तक थोड़ा थक गयी थी लेकिन मेरे कोच रिंगसाइड से लगातार प्रेरित कर रहे थे। दर्शकों में मेरा परिवार भी था जिनमें से सभी को मुझसे बहुत उम्मीदें थीं। मेरी अगली बाउट निश्चित रूप से इससे बेहतर होगी क्योंकि मैं जितने मैच खेलती हूं उससे हमेशा बेहतर होती जाती हूं।”

इस बीच, दो बार की विश्व चैंपियन साक्षी चौधरी (52 किग्रा), 2022 विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता मनीषा मौन (57 किग्रा), जैस्मिन लम्बोरिया (60 किग्रा) और नूपुर श्योराण (+81 किग्रा) अच्छा प्रयास करने के बावजूद क्वार्टर फाइनल में हार गईं।