उम्र के बढ़ते प्रभाव के साथ हमारे शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं. शरीर में बालों का उग जाना या अंगो में फर्क आना यह चीज इन्हीं बदलावों में शामिल है. कई बार देखा जाता है कि महिलाओं के चेहरे पर बाल (Women facial hair) उग जाते हैं गाल, माथा, ऊपरी होंठ या ठुड्डी पर यह बाल अचानक ही दिखने लगते हैं. पुरुषों की तरह इस तरह से ठुड्डी पर बाल आ जाना महिलाओं को असहज कर देता है. आपको बता दें कि इन बालों को लुनागो कहा जाता है. आपको बताते हैं कि किस तरह से शरीर में यह बदलाव आते हैं.
50 की उम्र के बाद अक्सर यह देखा जाता है कि चेहरे पर बाल अधिक हो गए हैं. हर किसी के चेहरे पर एक उम्र तक मुलायम और पतले बाल होते हैं लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है यह बाल घने हो जाते हैं. महिलाओं में मेनोपॉज के बाद चेहरे पर न केवल बाल ज्यादा होते हैं बल्कि इनका रंग भी गहरा हो जाता है. इन सब की वजह हार्मोन असंतुलन है.
जब शरीर में हार्मोनल बदलाव आते हैं तो बॉडी बदलने लगती है. प्रेग्नेंसी (Pregnancy), पीसीओएस (PSOS), मेनोपॉज (Monopause) जैसी स्थिति में हार्मोन में उतार-चढ़ाव होता है. यही वजह होती है कि टीनएजर लड़कियों में कई बार पीरियड अनियमित हो जाते हैं इन सब की वजह हार्मोन ही है.
मेनोपॉज एक ऐसा समय होता है जब एस्ट्रोजन हार्मोन घटने लगते हैं, जबकि एंड्रोजन हार्मोन में बढ़ोतरी होती है. यही वजह है कि जब ये हार्मोन बढ़ता है तो महिलाओं के चेहरे पर जो छोटे-छोटे बाल होते हैं वह बड़े होने लगते हैं. हालांकि चेहरे पर बाल आने का मतलब यह नहीं है कि यह कोई बीमारी है, यह बस हार्मोन चेंज का एक संकेत है. पीरियड्स का अनियमित होना, चेहरे पर मुंहासे आ जाना, ठुड्डी पर बाल, बांझपन यह सब हार्मोनल गड़बड़ी है.
हार्मोंस की वजह से चेहरे पर आए अनचाहे बालों को हटाने के लिए लेजर थेरेपी जैसा इलाज उपलब्ध है. जब लेजर थेरेपी होती है तो पिट्यूटरी ग्लैंड की जांच की जाती है. देखा जाता है कि किस तरह का संतुलन बना हुआ है उसके आधार पर इलाज किया जाता है.
बता दें कि इंटरनेशनल जनरल ऑफ वुमन डरमेटोलॉजी की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है कि यूरोपियन, अफ्रीकन और अमेरिकन मूल की महिलाओं के मुकाबले एशियन मूल की महिलाओं में चिन हेयर ज्यादा होते हैं. अधिकतर मामले में यह देखा जाता है कि अगर दादी को ज्यादा फेशियल हेयर हैं तो वह जेनेटिक तरीके से आगे बढ़ता जाता है. रिपोर्ट में इस बात की जानकारी भी दी गई है कि रिप्रोडक्टिव एज की 5 से 10% महिलाओं में पुरुषों की तरह ही चेहरे पर बाल देखे जाते हैं.