महाराष्ट्र (Maharashtra) में विधानसभा का चुनाव 2024 (Election of Assembly 2024) में होना है मगर सियासी दल उसकी तैयारी में अभी से जुट गए हैं. हिन्दुत्व (Hindutva) के झंडे को थामकर राजनीति में आने वाली शिवसेना (Shiv Sena) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (Maharashtra Navnirman Sena Chairman) के अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) अब खुद को हिन्दुत्व का ब्रांड एम्बेसडर बनाने की होड़ में आमने सामने आ गए हैं. मराठी मानुस वाला नारा फ्लाप होने के बाद राज ठाकरे भी अब श्री राम (Shri Ram) की शरण में जाते दिख रहे हैं. मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे शिवसेना पर हिन्दुत्व का एजेंडा छोड़ने का आरोप लगाकर खुद उसको लपक लेना चाहते हैं. उनका मानना है कि हिन्दुत्व के एजेंडे की बदौलत शिवसेना को आज ये मुकाम मिला है और वो सत्ता के लालच में इसे ही भूल रही है.
पिछले कई दिनों से राज ठाकरे लगातार भाजपा और उसके हिन्दुत्व की तारीफ करते नजर आ रहे हैं और अब वो खुद भगवा थामकर इसके झंडाबरदार बनने की कोशिश कर रहे हैं. इसी कड़ी में पहले लाउडस्पीकर से अजान वाला मुद्दा उठाया और तीन मई तक महाराष्ट्र की अघाड़ी सरकार को अल्टीमेटम दिया और अब राज ठाकरे अयोध्या रामजन्मभूमि जा रहे हैं. राज ठाकरे 5 जून को अयोध्या जा रहे हैं जिसमें उनके साथ 10 हजार मनसे कार्यकर्ता भी महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों से अयोध्या पहुंचेगे. जिनके लिए विशेष ट्रेनों में बुकिंग की जा रही है. वहीं महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने भी रामजन्मभूमि में दर्शन का कार्यक्रम बना लिया है वो वहां जाकर पूजा अर्चना करेगें.
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक अशोक वानखेड़े महाराष्ट्र की राजनीति पर बहुत पैनी नजर रखते हैं उनका मानना है कि मुंबई में म्यूनिसिपल कारपोरेशन के चुनाव होने हैं जिसको लेकर भाजपा शिवसेना पर हर तरीके से बढ़त बनाए रखना चाहती है. राज ठाकरे भाजपा की बी टीम की तरह काम कर रहे हैं. कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत ठाकरे के यूपी दौरे पर कहते हैं कि राज ठाकरे ने यूपी के भइया लोगों को मार कर भगाया था और यूपी सरकार उनकी आव भगत कर रही है. कोरोना काल में मनसे और भाजपा किसी ने महाराष्ट्र में रह रहे यूपी के लोगों की मदद नहीं की थी अब चूंकि चुनाव आ रहा है तो सबको याद आ रही है. मगर ये पब्लिक है सब जानती है. गौरतलब है कि मुंबई में उत्तर प्रदेश के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं.