मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की शिवराज सरकार संविदा कर्मचारियों के लिए नई पॉलिसी ला सकती है. प्रदेश के करीब 2.5 लाख से ज्यादा संविदा कर्मचारियों का वेतन 90 प्रतिशत से बढ़ाकर 100% प्रतिशत करने के साथ ही उन्हें सरकारी कर्मचारियों के समान पात्रता देकर नियमों के दायरे में लाने जा रही है. इसे लेकर कई विषयों पर मंथन जारी है, जिसके बाद सरकार चुनाव से पहले नई पॉलिसी को अमल में ला सकती है.
शिवराज सरकार राज्य में जल्द ही संविदा कल्चर को खत्म करने की तैयारी में है. अब संविदा कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों के समान दर्जा और सुविधाएं देने के लिए पॉलिसी तैयार की गई है. साथ ही सीधी भर्तियों में 20 प्रतिशत की जगह 50 प्रतिशत कोटा रिजर्व कर सकती है. नई पॉलिसी में अफसरों और कर्मचारियों को हर साल अप्रैजल रिपोर्ट से भी छूट मिलने की बात कही गई है.
नई पॉलिसी के अनुसार, संविदा कर्मचारियों का वेतन 90 प्रतिशत से बढ़ाकर 100% प्रतिशत कर दिया गया है. कर्मचारियों को हर साल स्व-मूल्यांकन भी करके नहीं देना होगा, जिसे लेकर पहले उन्हें अगले साल के लिए नौकरी पर रखा जाता था. अब उन्हें इस तरह की परेशानियों से गुजरने की जरूरत नहीं पड़ेगी. साथ ही उन्हें अब महंगाई भत्ता भी मिलेगा, जिसके चलते डीए को न्यूट्रलाइज कर दिया जाएगा. बता दें अभी संविदा कर्मचारियों को हर साल इंक्रीमेंट मिलता है.
संविदा कर्मचारियों को अब 5 लाख तक का स्वास्थ्य लाभ बीमा भी मिल सकेगा, जिससे उन्हें स्वास्थ्य संबंधित किसी भी समस्या में बीमा का लाभ उठा सकते हैं. साथ ही कर्मचारियों को पेंशन देने की भी तैयारी शुरू की जा रही है. संविदा के लिए आवेदन करने वालों का अलग कैडर बनाया जाएगा और उसी के अनुसार कर्मचारी चयन मंडल और अन्य दूसरी एजेंसियों से भर्ती करवाई जाएगी.