जॉनसन एंड जॉनसन ने भारत में 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों पर अपनी कोरोना वैक्सीन की स्टडी करने के लिए सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) को एक आवेदन प्रस्तुत किया है. भारत में हाल ही में जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर बताया था कि अब भारत के पास 5 EUA (Emergency Use Authorization) वैक्सीन मौजूद हैं. उन्होंने कहा था कि यह वैक्सीन कोरोना संक्रमण के खिलाफ हमारे देश की सामूहिक लड़ाई को और बढ़ावा देगा. इससे पहले ग्लोबल हेल्थकेयर कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा था, ‘उसने भारत में अपनी सिंगल डोज वाली कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी यूज को लेकर (EUA) के लिए आवेदन किया है.’
85 प्रतिशत तक सुरक्षा देती है वैक्सीन
EUA सबमिशन फेज-3 के क्लिनिकल ट्रायल के परिणाम में दावा किया गया था कि कंपनी की सिंगल-शॉट वैक्सीन 85 प्रतिशत तक सुरक्षा देती है. इतना ही नहीं, दावा यह भी किया गया है कि यह वैक्सीन लगने के 28 दिनों के भीतर मृत्यु दर को कम करने, मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या को भी घटाने में सक्षम है.
जॉनसन एंड जॉनसन इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि जॉनसन एंड जॉनसन अपनी कोरोना वैक्सीन की वैश्विक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, इतना ही नहीं यह बच्चों की जरूरतों को भी पहचानने में सक्षम है. प्रवक्ता ने बताया कि हमने 17 अगस्त को 12-17 साल की आयु के बच्चों पर भारत में जॉनसन एंड जॉनसन COVID-19 वैक्सीन का अध्ययन करने के लिए CDSCO को एक आवेदन प्रस्तुत किया है.