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भारतीय सेना में शामिल होंगे 118 अर्जुन MK-1A टैंक, 6000 करोड़ की डील को रक्षा मंत्रालय की मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 14 फरवरी को 118 अर्जुन MK-1A टैंकों को राष्ट्र को समर्पित करने के कुछ दिनों बाद, रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को यानी आज इनके लिए 6000 करोड़ रुपये की राशि की मंजूरी दे दी है. इसी के साथ अब सेना में 118 उन्नत अर्जुन टैंक शामिल किए जाएंगे. मंत्रालय के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि DRDO की तरफ से तैयार किए गए 58 टन वजन वाला यह युद्धक टैंक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करने के 30 महीने के अंदर भारतीय सेना को डिलीवरी के लिए तैयार हो जाएगा.

इन टैंकों को भारतीय सेना और DRDO के समन्वय से डिजाइन और तैयार किया गया है. DRDO सशस्त्र बलों में स्वदेशी हथियार सिस्टम के स्तर को बढ़ाने के लिए पिछले कुछ समय से अर्जुन MK-1A टैंको को तैयार कर रहा है. अर्जुन टैंकों को DRDO के कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (CVRDE) ने डिजाइन किया है. ये 118 टैंक, इससे पहले सेना में शामिल किए गए 124 अर्जुन टैंकों के बेड़े में शामिल होंगे, जो वर्तमान में पाकिस्तान के मोर्चे पर पश्चिमी रेगिस्तान में तैनात हैं.

सेना ने अर्जुन टैंकों में की थी कई सुधारों की मांग

118 अर्जुन टैंक भी 124 टैंकों की तरह ही भारतीय सेना के बख्तरबंद कोर में दो रेजिमेंट बनाएंगे. अधिकारियों ने बताया कि सेना ने टैंक रेजिमेंट बनाने के लिए जरूरी टैंकों की संख्या कम कर दी है और इसीलिए दो रेजिमेंटों के लिए वर्तमान आदेश में पिछले आदेश की तुलना में छह टैंक कम हैं. 124 अर्जुन टैंकों की एक रेजीमेंट को साल 2004 में भारतीय सेना के बेड़े में शामिल किया गया था, लेकिन ये टैंक पुराने मॉडल के हैं, जिनमें सेना की तरफ से फायर क्षमता समेत कई सुधारों की मांग की गई थी. इसी के लिए DRDO ने अर्जुन MK-1A टैंकों को तैयार किया है, जो भारतीय सेना को और मजबूती देंगे.

अर्जुन MK-1A टैंक की क्या हैं खासियतें

अर्जुन MK-1A टैंक आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस हैं. अर्जुन टैंक की फायर पावर क्षमता को काफी बढ़ाया गया है. यह टैंक आसानी से अपने लक्ष्य को ढूंढ सकता है और यह दिन और रात के समय किसी भी इलाके में अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगा सकता है, साथ ही मैदान में बिछाई गई माइंस को हटाकर आसानी से आगे बढ़ सकता है. अर्जुन टैंक में केमिकल अटैक से बचने के लिए स्पेशल सेंसर लगे हैं, यानी इन पर इन पर ग्रेनेड और मिसाइल के हमले का कोई असर नहीं होगा.