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भाजपा-सपा ने बनाई 2022 की ऐसी रणनीति तो छोटे दल गठबंधन कर देने वाले हैं जोर का झटका

आबादी नियंत्रण को लेकर लाये गये नई जनसंख्या नीति से प्रदेश की राजनीति में सियासी पारा चढ़ने लगा है। राजनीतिक दल भावी चुनाव को लेकर अपनी रणनीति बनाने लगे हैं। जिताऊ मुद्दे तलाशने, लुभावने वादे करने, विरोधियों को घेरने व गठजोड़ के लिए मजबूत सहयोगी तलाशने की मुहिम भी तेज होती जा रही है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की जीत से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी अब प्रदेश कार्यसमिति के जरिए आगे के चुनावी मुद्दे व संगठन को धार देने की रणनीति बनाने जा रही है। सत्ताधारी दल के साथ साथ विपक्षी दल जोरदार अंदाज में सक्रिय हो गए हैं।

मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी पंचायत चुनाव बाद अब सड़क पर उतरने की तैयारी में है। सपा कई सवालों पर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। तहसील स्तर पर प्रदेश भर में प्रदर्शन करेगी। समाजवादी पार्टी संगठन को भी सक्रिय किया जा रहा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी 16 जुलाई को पार्टी को उत्साहित करने लखनऊ आ रही हैं। बसपा ने भी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण के लिए खास रणनीति अभी से बना रही है।

चुनाव की तैयारियों को लेकर छोटे दल भी काफी सक्रिय है। पुराने व नए सभी छोटे दल चुनावी गठजोड़ की संभावनाएं तलाश रहे हैं। दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में काफी आक्रामक तेवर दिखा रही है। ऐसे ही तेवर ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा के भी दिख रहे हैं। शिवपाल यादव की प्रसपा, असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम भी खासे सक्रिय हैं। छोटे दल गठबंधन को लेकर एक-दूसरे से सम्पर्क करने लगे हैं।