भगवान बुद्ध (Lord Buddha) के चार पवित्र अवशेष (Four Sacred Relics) बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर मंगोलिया (Mongolia) भेजे जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू (Union Minister Kiren Rijiju) की अध्यक्षता में 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पवित्र अवशेषों को 11 दिवसीय प्रदर्शनी के लिए भारत से मंगोलिया लेकर जाएगा। दरअसल, 14 जून को मंगोलियाई बौद्ध पूर्णिमा उत्सव के मौके पर भगवान बुद्ध के चार पवित्र अवशेषों को गंदन मठ के परिसर के बत्सागान मंदिर में प्रदर्शित किया जाएगा। पवित्र बुद्ध अवशेष वर्तमान में राष्ट्रीय संग्रहालय में रखा गया है, जिन्हें ‘कपिलवस्तु अवशेष’ (बिहार में 1898 में कपिलवस्तु से खोजा गया था) के रूप में जाना जाता है।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, यह भारत-मंगोलिया संबंधों में एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर है। इससे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को और बढ़ावा मिलेगा। रिजिजू ने कहा, वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले पीएम थे, जिन्होंने मंगोलिया की यात्रा की थी। अब अवशेषों को मंगोलिया ले जाना हमारे दृष्टिकोण का विस्तार है।
पीएम उन देशों के साथ अपने संबंधों को पुनर्जीवित करना चाहते हैं, जिनके साथ सदियों पहले हमारे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध रहे हैं। दरअसल, मंगोलिया और भारत एक दूसरे को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पड़ोसियों के रूप में देखते हैं। इसी समानता से मंगोलिया को हमारा ‘तीसरा पड़ोसी’ भी कहा जा सकता है, भले ही हम किसी भी सामान्य भौतिक सीमाओं का आनंद नहीं लेते हैं।
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, भगवान बुद्ध न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में पूजनीय हैं। सरकार भगवान बुद्ध के शांति और करुणा के संदेश को पूरी दुनिया में फैलाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। बौद्ध स्थलों, स्थानों और बौद्ध केंद्रों को विकसित करने की परियोजनाओं पर काम हो रहा है।
भारतीय वायु सेना के विशेष विमान से भेजे जाएंगे
मंगोलिया में इन पवित्र अवशेषों को राजकीय अतिथि का दर्जा दिया जाएगा। भारतीय वायु सेना ने पवित्र अवशेषों को ले जाने के लिए एक विशेष हवाई जहाज सी-17 ग्लोब मास्टर उपलब्ध कराया है। दो बुलेट प्रूफ केसिंग और साथ ही दो औपचारिक ताबूत दोनों अवशेषों को भारतीय प्रतिनिधिमंडल लेकर जा रहा है। मंगोलिया के संस्कृति मंत्री द्वारा अवशेष प्राप्त किए जाएंगे। मंगोलिया में उपलब्ध भगवान बुद्ध के अवशेष भी भारत के अवशेषों के साथ प्रदर्शित किए जाएंगे।