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बड़ी गड़बड़ी: सरकारी रिकॉर्ड में सिर्फ चार शवों का हुआ अंतिम संस्कार, जबकि थे 112 शव

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण मध्य प्रदेश बुरी तरह प्रभावित है। रोजाना राज्य की स्थिति बद से बदतर हो रही है। राज्य में मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ साथ मेडिकल संसाधनों में भी कमी देखने को मिल रही है।राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस से हालात अधिक बिगड़ गए हैं। बीते 24 घंटे में भोपाल में 1681 नए केस सामने आये हैं। 112 शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में केवल 4 लोगों की जान चली गई है। एक साथ इतने संक्रमितों की हुई अंत्येष्टि से प्रशासन भी परेशान है, वहीं लोगों में भी खौफ पैदा हो रहा है। भोपाल में संक्रमित रेट 29% से ऊपर पहुंच गई है। भोपाल, जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर में अंत्येष्टि के लिए लाइन लगाना पड़ रहा है। वहीं एक के बाद एक शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

गुरुवार को भोपाल के सुभाष नगर विश्रामघाट पर 50 शव पहुंचे जिसमें 30 शवों को कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कर दिया गया। भदभदा विश्रामघाट पर 88 शव अंतिम संस्कार के लिए लाये गए। जिसमें 72 को कोरोना के तहत अंतिम संस्कार किया गया। साथ ही झदा कब्रिस्तान में 17 में से 10 शवों को कोविड प्रोटोकॉल के तहत दफना दिया गया। 112 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंत्येष्टि की गई।

लगातार जारी मौत के आंकड़ों से प्रशासन की नींद उड़ चुकी है। मौत के आंकड़ों ने सरकार पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लगातार सरकार पर विपक्ष मौत के आंकड़े छुपाने का आरोप लगा रहा है। प्रदेश के कांग्रेस नेता अजय सिंह यादव ने सरकार पर मौत के आंकड़ों को छिपाने का आरोप लगाया है। अजय सिंह ने बताया कि सरकार प्रदेश में कोरोना को लेकर बिलकुल भी गंभीर नहीं है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने विपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरकार मौत के आंकड़ों को छुपा नहीं रही है। बल्कि जिन लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है उसे भी संदिग्ध माना जा रहा है।