एक बेटी अपने पिता के लिए उनके सपनों का आसमान होती है। हर पिता अपनी बेटी के लिए खूब सारे ख्वाब देखता है और उन्हें पूरा भी करता है। एक बेटी के लिए उसका पिता किसी सुपर हीरो से कम नहीं होता। मगर बेटियां भी अपने पिता के लिए मसीहा बन जाती हैं। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है जहां गुजरात के बड़नगर में रहने वाली बेटी भावी ने अपने पिता को अपना लिवर डोनेट कर उनकी ज़िंदगी बचा ली।
पिता का ख़राब हो चुका थी लीवर-: भावी के पिता विश्वजीत मेहरा ने बताया कि वह एक डायमंड कंपनी में बतौर सेल्स मैनेजर तैनात थे। उनकी अच्छी खासी आमदनी थी। लेकिन अचानक ड्यूटी पर उनकी तबीयत बिगड़ी। जब वह डॉक्टर से तो डॉक्टर ने बताया उनका लिवर खराब हो चुका है।
बेटी ने डोनेट किया अपना लिवर-: विश्वजीत बताते हैं कि जिस दिन मेरा ऑपरेशन होना तय हुआ था सौभाग्य से उस दिन मेरा बर्थडे था। मेरी बेटी ने अपना लीवर मुझे डोनेट करके मुझे गिफ़्ट में नई ज़िंदगी दे दी। मेरे दोस्तों ने उसे बहुत समझाया कि अपना लिवर डोनेट करके वह अपनी ज़िंदगी खराब कर रही है, लेकिन वह अपनी ज़िद पर अड़ी रही। फ़ाइनली ऑपरेशन सक्सेसफुल रहा। अपने ऑपरेशन के बारे में बताते हुए विश्वजीत कहते हैं कि उनकी दो माएँ हैं। एक मां जिन्होंने उन को जन्म दिया और दूसरी मेरी बेटी जिसने मुझे नई ज़िंदगी दी।