गोवा में प्राइवेट डेंटिस्टों (दांत के डॉक्टर) के एक समूह ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ बातचीत के दौरान हाथों में काली पट्टी बांध रखी थी. डॉक्टरों ने राज्य सरकार द्वारा जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन शुल्क बढ़ाए जाने को लेकर विरोध जताया था. नड्डा ने बुधवार शाम को विभिन्न शाखाओं के चिकित्सा पेशेवरों के साथ बातचीत की थी. इसी दौरान डेंटिस्टों ने अपना विरोध दर्ज कराया.
इस संवाद का आयोजन बीजेपी की राज्य इकाई के मेडिकल सेल ने किया था. जिन डॉक्टरों ने विरोध दर्ज कराया, वे भारतीय दंत चिकित्सा संघ (IDA) से जुड़े हुए हैं. संवाद के दौरान मौजूद रहे मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बाद में कहा कि डेंटिस्टों द्वारा बीजेपी अध्यक्ष के समक्ष विरोध दर्ज कराने की घटना ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ थी. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नड्डा के साथ सवाल-जवाब सत्र के दौरान डॉक्टरों ने गोवा सरकार द्वारा जैव चिकित्सा अपशिष्ट निपटान शुल्क बढ़ाए जाने पर आपत्ति जताई.
आईडीए के सदस्य डॉ. अनिल डी सिल्वा ने विरोध के बाद मीडिया से कहा कि डेंटिस्टों को “अतार्किक तरीके से उन डॉक्टरों की श्रेणी में रखा गया जो भारी जैव चिकित्सा कचरा पैदा करते हैं.” उन्होंने कहा कि जैव चिकित्सा अपशिष्ट इकट्ठा करने का काम दिल्ली की एक निजी कंपनी को सौंपा गया है और कंपनी ने डेंटिस्टों को बड़ी मात्रा में इस प्रकार के अपशिष्ट पैदा करने वालों की श्रेणी में रखा है, जिसके कारण शुल्क बढ़ गया है.
कार्यक्रम में प्रदर्शन करने की कोई जरूरत नहीं थी- सावंत
मुख्यमंत्री सावंत ने रिपोर्टर्स से कहा कि डेंटिस्टों ने पहले भी उनसे मुलाकात की थी और उनकी मांग पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रकार के कार्यक्रम में प्रदर्शन करने की कोई आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि यह राज्य का मामला है और मैंने उनके प्रश्नों का उचित तरीके से उत्तर दिया था. कार्यक्रम में विरोध जताने वाले कुछ डॉक्टर राजनीति से प्रेरित थे.’’
घटना पर बीती रात मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से एक बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया, “फिदाल्गो होटल में डॉक्टरों के साथ आज संवाद के दौरान हुई घटना के बारे में बताया जाता है कि मुख्यमंत्री ने, अपने समक्ष उठाए गए इस मुद्दे के सकारात्मक तरीके से समाधान का आश्वासन दिया था. आश्वासन दिए जाने के बावजूद इस तरह से प्रदर्शन किए जाने का कारण दुर्भाग्यवश ज्ञात नहीं है.”