वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल के आईसीयू में भर्ती एक मरीज को शुक्रवार को बिना जरूरत के ही प्लाज्मा चढ़ा दिया गया। मरीज की तबियत बिगड़ने के बाद परिजनों को इसकी जानकारी हुई। डॉक्टरों की लापरवाही को लेकर शनिवार को परिजनों की आईसीयू में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों, कर्मचारियों से नोकझोंक भी हुई। मरीज के बेटे ने इसकी शिकायत अस्पताल के एमएस से कर लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की मांग की। सरसुन्दर लाल अस्पताल प्रशासन ने कमेटी गठित कर जांच शुरू कर दी है।
जिले के मंगारी निवासी रमेश सिंह (65) को परिजनों ने 25 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां आईसीयू में बेड नंबर 4 पर इलाज किया जा रहा है। मरीज के बेटे अजय सिंह के मुताबिक उनके पिताजी की सेहत में सुधार हो रहा था और डॉक्टरो ने उन्हें वार्ड में शिफ्ट करने को कहा था। 2 अप्रैल को जब वह आईसीयू में पिताजी को देखने गए तो वहां उनको प्लाज्मा चढ़ाया जा रहा था। उन्होंने बताया कि उन्हें प्लाज्मा चढ़ाना ही नहीं था। एमएस से की गई शिकायत में अजय ने बताया कि बेड नंबर 4 पर भर्ती उनके पिता को बेड नंबर 13 पर भर्ती मरीज के ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव का प्लाज्मा चढ़ा दिया गया। प्लाज्मा चढ़ाये जाने के बाद पिता की तबियत बिगड़ने लगी। पूछने के बावजूद आईसीयू में तैनात चिकित्सकों, कर्मचारियों ने कोई जानकारी नहीं दी। सुरक्षा कर्मियों ने आईसीयू से बाहर भगा दिया।
आईसीयू में भर्ती मरीज को बिना जरूरत प्लाज्मा चढ़ाने के मामले में परिजनों ने पिंडरा विधायक डॉ. अवधेश सिंह से न्याय की गुहार लगाई। सूचना पर इंस्पेक्टर लंका भी अस्पताल पहुंच गए। इंस्पेक्टर की मौजूदगी में विधायक ने एमएस ऑफिस में एमएस डॉक्टर एसके माथुर से बातचीत की। एमएस ने नियमानुसार कार्रवाई का आश्वासन दिया। मरीज के बेटे अजय के मुताबिक फिलहाल अस्पताल के एमएस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
हम लोगों ने 24 घंटे के भीतर ही कार्रवाई की मांग की है। अगर अस्पताल प्रशासन ने उचित कार्रवाई नहीं की तो थाने में मुकदमा दर्ज कराएंगे। पीआरओ के माध्यम से एमएस ने बताया कि शिकायत में कहा गया है कि मरीज को प्लाज्मा दिया गया। मरीज के परिजनों को ऐसी किसी आवश्यकता से अवगत नहीं कराया गया। जांच कमेटी 72 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी।