बिहार विधान परिषद के सात सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए नामांकन का पर्चा भर चुके सभी सात प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है। इनमे से सभी प्रत्याशी पहली बार किसी सदन के सदस्य बनेंगे।
दरअसल, सात सीट पर हो रहे चुनाव और उतने ही प्रत्याशी होने के कारण अब नाम वापसी के दिन सोमवार को इनके निर्विरोध चुने जाने की घोषणा होने की संभावना है। शुक्रवार को सभी नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी।
इस चुनाव में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दो -दो जबकि महागठबंधन की ओर से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने तीन प्रत्याशी उतारे है। जबकि सभी मौजूदा सात सदस्यों के टिकट काट दिए गए हैं।
ये सभी प्रत्याशी अगर निर्वाचित होते हैं तो किसी सदन में पहली बार सदस्य बनने जा रहे हैं।
मालूम हो कि जदयू के कमरे आलम, गुलाम रसूल, रणविजय कुमार सिंह, रोजीना नाजिश और सीपी सिन्हा तथा भाजपा के अर्जुन सहनी और वीआइपी के मुकेश सहनी का कार्यकाल 21 जुलाई को पूरा हो रहा है। इनके खाली हुए सीटों को भरने के लिए यह चुनाव हो रहा है।
इस बार, न केवल राजनीतिक दलों ने पुराने सदस्यों को फिर से उम्मीदवार नही बनाया बल्कि प्रत्याशी चयन में कार्यकर्ताओं को तरजीह दी गई।
विधानसभा कोटे की सीट होने की वजह से इसमें मतदाता विधायक होते हैं। विधायकों की संख्या के हिसाब से दलों को सीटें मिलती हैं। उसी अनुसार प्रत्याशी भी तय कर लिए जाते हैं और मतदान की स्थिति नहीं बनती है।
संख्या बल में मजबूत नहीं रहने के कारण इस चुनाव में जदयू को नुकसान उठाना पड़ रहा है जबकि राजद को लाभ हुआ है। इधर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) का अब कोई भी सदस्य किसी सदन में नहीं रहेंगे।