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बाहुबली मुख्तार ने हाईकोर्ट से रिहा करने की लगाई गुहार, अपनी गिरफ्तारी को ऐसे बताया अवैध

बांदा जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया है। मुख्तार ने हाईकोर्ट से रिहाई की गुहार लगाई है। मुख्तार ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल कर अवैध निरुद्धि से रिहा करने की मांग की है। याचिका पर प्रदेश सरकार की ओर से भी जवाब दाखिल कर कहा गया है कि मुख्तार कई संगीन मुकदमों में जेल में बंद हैं। इसलिए उनकी याचिका पोषणीय नहीं है। बाहुबली मुख्तार की याचिका पर न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति सुधारानी ठाकुर की पीठ ने सुनवाई की। याचिका में कहा गया है कि मुख्तार अंसारी को अवैध रूप से न्यायिक हिरासत में रखा गया है। वह गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में दस वर्ष की सजा काट चुका है। उसके खिलाफ गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस एक्ट में अधिकतम दस साल की सजा का ही प्रावधान है। वह दस साल से अधिक समय से जेल में है.

मुख्तार गैंग पर योगी सरकार की कार्रवाई तेज

ज्ञात हो कि मुख्तार अंसारी गैंग पर योगी सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है। हाल ही में गैंग को योगी सरकार ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। मऊ में मुख्तार के सहयोगी भू-माफिया गणेश मिश्रा समेत अन्य लोगों की करीब 75 करोड़ रुपये की 19 बीघा जमीन पर हुई अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई आर्थिक साम्राज्य पर प्रहार है।

मुख्तार पर प्रदेश में दर्ज हैं 52 केस

उत्तर प्रदेश में मुख्तार अंसारी के खिलाफ 52 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से 15 ट्रायल स्तर पर हैं। मुख्तार अंसारी पर भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कराने का भी आरोप था। सीबीआई ने उस मामले की जांच की थी लेकिन बाद में गवाहों के मुकर जाने के चलते मुख्तार कृष्णानन्द राय मामले में बरी हो गया था। मुख्तार को यूपी पुलिस सुप्रीम कोर्ट में लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद पंजाब की रोपड़ जेल से वापस ले आई थी। मुख्तार वर्तमान में बांदा जेल में बंद है। रोपड़ जेल में मुख्तार रंगदारी के केस में 27 महीने से बंद था। वह अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर यूपी आने से बच रहा था।