बालासोर रेल हादसे को लेकर कमीशन ऑफ रेलवे सेफ्टी यानी CRS ने रिपोर्ट जारी कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार सिग्नल और टेलीकम्युनिकेशन विभाग में कई स्तरों पर हुई चूक के कारण रेल हादसा हुआ था। रिपोर्ट में सिग्नलिंग और दूरसंचार (एस एंड टी) विभाग में “कई स्तरों पर चूक” के बारे में भी बताया है। साथ ही संकेत दिया कि अगर पिछली चेतावनी को ध्यान में रखा जाता तो त्रासदी से बचा जा सकता था।
रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) ने रेलवे बोर्ड को सौंपी स्वतंत्र जांच रिपोर्ट में कहा है कि सिग्नलिंग कार्य में खामियों के बावजूद अगर स्टेशन प्रबंधक ने एस एंड टी कर्मचारियों को दो समानांतर पटरियों को जोड़ने वाले स्विचों के ‘बार-बार असामान्य व्यवहार’ की सूचना दी होती तो वे उपचारात्मक कदम उठा सकते थे।
रिपोर्ट में ये भी कहा है कि लेवल क्रॉसिंग गेट 94 पर ‘इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर’ को बदलने के कार्यों के लिए स्टेशन-विशिष्ट अनुमोदित सर्किट आरेख (डायग्राम) की आपूर्ति न करना एक गलत कदम था, जिस कारण गलत वायरिंग हुई।
रिपोर्ट में कहा कि अगर इस घटना के बाद गलत वायरिंग की समस्या को दूर करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाए गए होते तो बालासोर में दुर्घटना नहीं होती। बता दें कि ओडिशा के बालासोर जिले में बाहानगा बाजार के पास दो जून को हुई दुर्घटना में 292 लोगों की मौत हो गई थी और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।