बीजेपी के पूर्व नेता बाबुल सुप्रियो ने मंगलवार को लोकसभा की सदस्यता से औपचारिक रूप से इस्तीफा दे दिया. बाबुल सुप्रियो ने एक महीने पहले बीजेपी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था. सुप्रियो ने अपने प्रति विश्वास व्यक्त करने के लिये पूर्व पार्टी बीजेपी को आभार प्रकट किया.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर इस्तीफा देने के बाद बाबुल सुप्रियो ने कहा, ‘‘ मेरा दिल भारी है क्योंकि मैंने अपना राजनीतिक जीवन बीजेपी से शुरू किया था. मैं प्रधानमंत्री, पार्टी अध्यक्ष और अमित शाह को धन्यवाद देता हूं. उन्होंने मुझमे विश्वास दिखाया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पूरी तरह से राजनीति छोड़ दी थी. मैंने सोचा कि अगर मैं पार्टी का हिस्सा नहीं हूं तब मुझे सीट नहीं रखनी चाहिए.’’
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब पश्चिम बंगाल के आसनसोल से दो बार के सांसद तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के दो दिन बाद 20 सितंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर समय मांगा था ताकि वे सदन से औपचारिक रूप से इस्तीफा दे सकें. बाबुल सुप्रियो ने कई बार कहा था कि जिस पार्टी से वे इस सीट पर विजयी हुए, उस पार्टी के अब सदस्य नहीं हैं, ऐसे में सांसद नहीं रहना चाहते हैं.
गौरतलब है कि बीजेपी के साथ साल 2014 से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले बाबुल सुप्रियो ने 18 सितंबर को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ज्वाइन कर लिया था. टीएससी ज्वाइन करते हुए उन्होंने कहा- “मुझे एक बड़ा मौका दिया गया है. जब मैंने टीएमसी ज्वाइन कर लिया, ऐसे में आसनसोल सीट से सांसद बने रहने का कोई मतलब नहीं है. मैं आसनसोल की वजह से राजनीति में आया. मैं जहां तक हो पाएगा अपने संसदीय क्षेत्र के लिए करूंगा.” इससे पहले, दो बार से आसनसोल से सांसद रहे बाबुल सुप्रियो को इस साल 7 जुलाई हुए कैबिनेट फेरबदल में मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया था. वह वन, पर्यावरण राज्य मंत्री थे. इसके बाद उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए राजनीतिक से संन्यास लेने का एलान किया था. हालांकि, बाद में उन्होंने कहा था कि राजनीति में रहेंगे लेकिन भी किसी अन्य पार्टी को ज्वाइन नहीं करेंगे.