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बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल ने भी श्रीराम मंदिर के लिए किया गुप्त दान

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मंदिर निर्माण के लिए चलाए जा रहे समर्पण निधि अभियान के आखिरी दिन बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने भी दान किया है। संघ व विश्व हिन्दू परिशद के कार्यकताओं को उन्होंने राधाकृष्ण की फोटो वाले बंद लिफाफे को सौंपा। लिफाफे उन्होंने अपने मरहूम पिता हाशिम अंसारी और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम भी लिखे हैं। गुप्त दान का कारण बताते हुए उन्होंने कहा इस्लाम धर्म में साफ लिखा है दान गुप्त होना चाहिए। इसलिए उन्होंने दान को गोपनीय रखने की परंपरा निभाई है। उन्होंने कहा अयोध्या में सभी धर्म के लोग रहते हैं। राम नगरी में राम का मंदिर बन रहा है यह खुशी की बात है। उन्होंने प्रसन्नत व्यक्त करते हुए कहा कि अब अयोध्या का पर्यटन विकसित होगा। इकबाल अंसारी ने कहा दान देना और लेना प्रत्येक धर्म की परंपराएं हैं। सार्वजनिक और धर्म के लिए होने वाले निर्माण कार्य में सभी की भागीदारी होने चाहिए। जब समाज के सभी लोग भागीदार होंगे तो यह दान ही विरासत बन जाएगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में सभी धर्मं के लोग एक साथ रहते हैं.

अयोध्या साधु-संतों और फकीरों की नगरी है। हम सभी लोग एक दूसरे के यहां आते-जाते हैं और धार्मिक कार्यक्रमों में एक दूसरे की मदद भी की जाती है। श्रीराम मंदिर निर्माण के साथ ही सामाजिक समरसता का ताना-बाना मजबूत होगा। श्रीराम मंदिर निर्माण में सभी का सहयोग होना भारतीय एकता और धार्मिक सजगता का परिचायक है।

ram mandir

 

उन्होंने आगे कहा कि जिस काम में सभी धर्म के लोग मिलकर जुटते हैं वह कार्य ताकतवर होता है और समाज में एक अच्छा माहौल बनता है। किसी भी धर्म का धार्मिक काम हो दान खुल कर देना चाहिए। दान और सहयोग से समाज के लिए भवन नहीं बल्कि ऐतिहासिक विरासतों को निर्माण होता है जो हमेशा जीवंत रहेगा।