शिवसेना (Shiv Sena) के मुखपत्र सामना (Saamana) में केंद्र की मोदी सरकार को कश्मीर (Kashmir) और बांग्लादेश में हिंदुओ के साथ हुई घटनाओं को लेकर जमकर निशाना साधा गया है. सामना में लिखा, ‘पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भी ‘हिंदू खतरे में’ हैं इस तरह का दुष्प्रचार बीजेपी की चुनावी रैलियों में हुआ. इसके बावजूद वहां के हिंदू मतदाताओं ने आखिरकार ममता बनर्जी को जितवाया. ये हम इस तरह से क्यों गिर गए? यह सवाल नव हिंदुत्ववादियों को खुद से ही पूछना चाहिए.’
वोट के लिए हिंदू-मुस्लिम
सामना के मुताबिक बीजेपी, वोटों के लिए हिंदुत्व की धूल उड़ाती है. चुनावों के दौरान इसीलिए जमकर, हिंदू-मुसलमान का खेल खेला जाता है. इससे तनाव पैदा करके वोट हासिल किए जाते हैं लेकिन इस खेल से अब हिंदू भी थक गया है. शिवसेना ने सत्ता के लिए हिंदुत्व छोड़ दिया, ऐसा कहने वाले लोगों ने जब सत्ता हासिल करने के लिए जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की पार्टी से निकाह किया उसे भी भुलाया नहीं जा सकता है.
सीमा पर हो रहे हैं हमले: शिवसेना
सामना की संपादकीय में आगे ये भी लिखा गया, ‘आज सिर्फ हिंदू खतरे में न होकर पूरा हिंदुस्तान खतरे में है! सौ करोड़ टीके का उद्देश्य पूरा हुआ इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने देश का सबसे बड़ा तिरंगा लाल किले पर फहराया. यह ठीक ही हुआ. लेकिन चीनी, पाकी, बांग्लादेशी जिस तरह बेखौफ होकर सीमा पर हमला बोल रहे हैं, उसे देखते हुए वह भव्य, तेजस्वी तिरंगा सुरक्षित है क्या? इसका विचार करना होगा. महाराष्ट्र में शिवसेना ने क्या किया और क्या करना चाहिए इसकी सलाह देने की बजाय देश की सीमा पर हिंदुओं के आक्रोश को समझ लो.’
खोखला है बीजेपी का हिंदुत्व?
सामना के मुताबिक, ‘एक राज्य में गोमांस को लेकर लोगों को जान से मारना और दूसरे स्टेट में गोमांस खाने की इजाजत देना, यह खोखला हिंदुत्व है. सावरकर जैसे प्रखर हिंदुत्ववादी राष्ट्रभक्त की बदनामी करना, उन्हें ‘भारत रत्न’ देने की मांग उठी तो चुप्पी साध लेना. यह आपका नव हिंदुत्व दिखावटीपन की चरम सीमा है. हिंदुत्व को लेकर ये खोखले प्रवचन बंद करो! कश्मीर के हिंदुओं की चीत्कार से जिनका मन द्रवित नहीं होता है, उन्हें महाराष्ट्र पर प्रवचन नहीं देना चाहिए.’