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बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने दुर्गा की पूजा से रोका, मूर्तियां-पंडाल में तोड़फोड़, सरकार ने दी चेतावनी

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडालों में तोड़फोड़ की कई घटनाएं हुई हैं. जिसके बाद शेख हसीना सरकार ने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, हमले ज्यादातर कमिला (जिसे कोमिला के नाम से भी जाना जाता है) जिले में हुए हैं। हिन्दुओं को पूजा के दौरान निशाना बनाया गया है। बांग्लादेश मीडिया के मुताबिक सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट में कथित तौर पर आरोप लगाया गया कि एक पूजा स्थल पर कुरान का अपमान किया गया है, जिसके बाद हिंसा शुरू हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि चांदपुर के हाजीगंज, चट्टोग्राम के बंशखली, चपैनवाबगंज के शिबगंज और कॉक्स बाजार के पेकुआ में हुई हिंसा में मंदिरों पर भी हमला किया गया। कुछ इलाकों में दुर्गा की मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। पंडालों में तोड़फोड़ के बाद तनाव की स्थिति हो गयी है।

क्षतिग्रस्त पंडाल, हिंसा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। मीडिया के मुताबिक चांदपुर के स्थानीय अस्पताल तीन लोगों के शव पहुंचे हैं, इनकी मौत हिंसा में हुई मानी जा रही है। हालांकि पुलिस ने अभी तक पुष्टि नहीं की है। इस मामले को लेकर तनाव बना हुआ है। बांग्लादेश के अधिकारियों ने घटनाओं को गंभीरता से लिया है। उन इलाकों में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया है, जहां हिंसा हुई थी। देश के गृह मंत्री ने अधिकारियों से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने कहा कि चटगांव के कमिला में हमलों के पीछे लोगों का पता लगाया जाएगा। उन्हें शक है कि यह घटना तोड़फोड़ की कार्रवाई है। किसी भी शरारती को छोड़ा नहीं जाएगा।

ढाका में पूजा करने से रोका गया

इससे एक दिन पहले राजधानी ढाका में हिंदू समुदाय को दुर्गा पूजा करने से रोका गया था। टीपू सुल्तान रोड पर मौजूद दुर्गा मंदिर में हिन्दुओं को स्थानीय मुस्लिम दबंगों ने नवरात्रि की पूजा करने से रोका। ‘बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल’ ने सोशल मीडिया के जरिए इस संबंध में जानकारी देकर बताया कि स्थानीय इस्लामी चरमपंथियों ने नवरात्रि के दौरान शंखनिधि मंदिर में हिन्दु श्रद्धालुओं को मां दुर्गा की पूजा नहीं करने दी। वहां की सरकार ने दुर्गा पूजा के लिए हिंदुओं को एक अस्थायी जगह प्रदान की है।