उत्तर प्रदेश के बलिया से हैं जहा एक तरफ भारत विज्ञान कि दुनिया में रोज़ कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। वहीं अपनें देश के कुछ लोग डॉक्टर ना होते भी डॉक्टर जैसी सलाह देने से नहीं चूकते ताजा मामला बलिया जि़ले के जिला कारागार का है। जहां के जेलर साहब नें विज्ञान कि तर्ज़ पर जुगाड़ के सहारे जेलर साहब अपनें कैदियों के जीवन कि सुरक्षा और संक्रमण से बचाव के घरेलू नुस्खों अज़मा रहे हैं ।
सरकार संक्रमण से बचाव के लिए हर संभव प्रयास कर रही है ।यहां तक कि लाकडाऊन लगाने से भी नही चुक रही है , वही बलिया जिला कारागर के जेलर साहब भी कुछ कम नहीं हैं, और अब जेलर साहब बन गए जुगाड़ी लाल।
यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं की कैसी हालत है किसी से छुपी नहीं है,आप बलिया जिला जेल के जुगाड़ी जेलर के द्वारा बनाये गए इस वीडियो को देख कर अंदाजा लगा सकते है कि यूपी सरकार स्वास्थ्य संसाधनों को हर जनपद में उपलब्ध कराने का का दावा कर रही है, वहीं जिला जेल से आई इस वीडियो को प्रदेश सरकार के सभी दावों को सिरे से खा़रिज करती नजर आ रही है। यानी कही न कही ये कहने में संकोच नही होगा , कि स्वास्थ्य संसाधनों के अभाव में विज्ञान के तर्ज पर जुगाड़ कर अपना देश जुगाड़ी देश क्यों कहा जाता है।
एक तरफ ऑक्सीजन की कमी से लोग अपनी जान गंवा रहें हैं वहीं दूसरी तरफ जुगाड़ के मदद से कैदियों को भाप देकर स्वस्थ रखने का प्रयास हो रहा है । ये वीडियो जिला कारागार का है जहां जेलर साहब नें जुगाड़ के सहारे से कैदियों में कोरोना महामारी के फैलाव को रोकनें के लिए देशी जुगाड़ बना डाला।
साथ ही वीडियो बना कर सोशल प्लेटफार्म पर डाल दिया जिसमें एक घरेलू गैस सिलेंडर से पहले गैस चूल्हा जलाया जाता है। फिर एक कुकर में पानीं डाला कर उसके बाद एक कपड़े में कुछ देशी यानि घरेलू अजवाइन,पोदीना,दाल चीनीं आदि को बांध कर कुकर में भरे पानीं के अंदर डाल कर उससे निकलने वाले भाप को एक पाइप और कुपि कि मदद से कैदियों को भाप देते नज़र आ रहे है।
इस देशी जुगाड़ से कोरोना पर कितना अंकुश लगाया जा सकता है ये तो वक्त बताएगा लेकिन जेलर साहब के इस जुगाड़ वाली भाप यंत्र की जितनी सराहना किया जाए कम है।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा उन जगहों पर होता है जहां कम जगह में ज्यादा लोग इकठ्ठा होते है। ऐसे में बलिया जिला जेल में कैदियों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखते हुए जेलर साहब ने देशी जुगाड़ के ज़रिए यानी कूकर से भाप की व्यवस्था की है।
जी हां बलिया जिला जेल में 800 कैदी है जिनमे 49 महिला एवम 22 कैदी 18 से 21 वर्ष के है। दरसल कोरोना के पहले फे़ज में भी बलिया जिला जेल के कुछ कैदी कोरोना से संक्रमित हो गए थे।
लिहाजा जेल प्रसाशन ने कोरोना के दूसरे फेज में कैदियों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया है। बलिया जिला जेल के जेल अधीक्षक प्रशान्त मौर्या ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से सभी कैदियों का तापमान और ऑक्सीजन लेबल चेक किया जा रहा है ।वही सिलेंडर और कूकर की मदद से पाइप के ज़रिए सभी कैदियों को भाप दिया जा रहा है।