एक महीना पहले एक-दूसरे पर बमों की बरसात करने वाले इजराइल (Israel) और फिलिस्तीन (Palestine) ने अब कोरोना महामारी के खिलाफ एक साथ आने का फैसला किया है। इजराइल ने अब फिलिस्तीन (Palestine) से तनाव को भुलाते हुए उसे कोरोना वैक्सीन की लाखों डोज देने क फैसला किया है। बता दें कि इजराइल (Israel) दुनिया का एक ऐसा देश है जो पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो चुका है और यहां के 80 फीसदी से अधिक लोगों को कोविड 19 वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है।
जमीनी कब्जे को लेकर है तनाव
गौरतलब है कि इजराइल (Israel) और फिलिस्तीन (Palestine) के बीच जमीनी कब्जे को लेकर पिछले महीने बेहद तनाव देखने को मिला था। हालांकि इन दोनों देशों के बीच यह लड़ाई कोई नई नहीं है,बल्कि वर्षों पुरानी है लेकिन कोरोना महामारी की इस संकट की घड़ी में इजराइल (Israel) ने फिलिस्तीन की मदद करने का वादा किया है। फिलिस्तीन (Palestine) को वैक्सीन देने की घोषणा इजराइल में नई सरकार के गठन के बाद की गई है। अब बात करें इजराइल (Israel) और फिलिस्तीन (Palestine) की तो 1948 से पहले फिलिस्तीन का भूगोल कुछ और ही था। तब वहां कुछ यहूदी शरणार्थी रहते थे लेकिन उस समय फिलिस्तीन पर सौ फीसदी फिलिस्तीनियों का कब्जा था और इजराइल देश का नामोनिशान तक नहीं था।
सन 1948 में अंग्रेजों ने फिलिस्तीन (Palestine) को दो टुकड़ों में बाँट दिया। इसके बाद जमीन का 55 प्रतिशत हिस्सा फिलिस्तीन के कब्जे में आया और 45 प्रतिशत हिस्सा इजराइल को मिला। इसके बाद 14 मई सन 1948 को इज़राइल (Israel) ने खुद को एक आज़ाद देश घोषित कर दिया और विश्व में एक यहूदी देश का जन्म हुआ। इसके बाद भी इजराइल और फिलिस्तीन (Palestine) की लड़ाई खत्म नहीं हुई। 1956, 1967, 1973, 1982 में इज़राइल-फ़िलिस्तीन लड़ते रहे और इज़राइल (Israel) लगातार फ़िलिस्तीन (Palestine) की ज़मीन पर क़ब्ज़ा करता रहा।
मात्र 12 फीसदी में सिमटा फिलिस्तीन
अब हालात यह है कि फिलिस्तीन मात्र 12 फ़ीसदी ज़मीन के टुकड़े पर सिमट कर रह गया है और यरूशलम को छोड़ कर इज़राइल (Israel) वहां के 80 फ़ीसदी इलाक़े पर आधिकारिक रूप से क़ब्ज़ा जमा लिया है। इस विवादित जमीन के टुकड़े पर अब फ़िलिस्तीन (Palestine) के नाम पर दो ही इलाक़ा बचे है। एक गाजा और दूसरा वेस्ट बैंक। वेस्ट बैंक अमूमन शांत रहता है। वहीं गाजा गरम क्योंकि गाजा पर उग्रवादी संगठन हमास का कंट्रोल है।