उत्तर प्रदेश के माल से एक दिलचस्प मामला सामने आया है जहां बचपन के प्यार को पाने के लिए युवक को 81 दिनों तक जेल में रहना पड़ा। लेकिन इसके बावजूद भी उसका प्यार कम नहीं हुआ और जेल से छुटने के बाद वो फिर अपनी प्रेमिका के पास जा पहुंचा।
दरअसल, एक युवक और लड़की एक दूसरे के बचपन के दोस्त थे जिसके बाद दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया। वहीं दोनों ने घरवालों की मर्जी के बगैर मंदिर में जाकर शादी कर ली। लड़की के बालिग न होने पर घरवालों ने पुलिस में शिकायत कर दी जिसके बाद 20 साल के युवक को 81 दिनों तक जेल में रहना पड़ा। बावजूद इसके दोनों का प्रेम खत्म नहीं हुआ और जेल से छूटने के बाद युवक ने लड़की के बालिग होने का इंतजार किया और जैसे ही वह बालिग हुई उसको लेने उसके घर पहुंच गया। जिसके बाद वहां हंगामा होने लगा।
वहीं विरोध और हंगामे के बीच वहां पहुंची माल थाने की पुलिस और आशा ज्योति केंद्र की टीम दोनों को लेकर थाने आ गई। फिर प्रेमी जोड़े जानने के बाद, आखिरकार दोनों की शादी का निर्णय लिया गया। वहीं अब अंत सोमवार को दोनों की कोर्ट में शादी करा दी जाएगी।
बता दें कि माल थानाक्षेत्र के भगवंतखेड़ा गांव निवासी सुमित यादव की अपनी पड़ोसी रितिका नाम की लड़की से बचपन से ही दोस्ती थी। सुमित आठवीं पास है तो रितिका 9वीं। दोनों के बीच प्यार कब हुआ ये किसी को नहीं पता। कई साल बाद जब इसकी जानकारी रितिका के परिजनों को हुई तो वह रिश्ते के खिलाफ हो गए। परिजनों का विरोध देखकर दोनों 19 अप्रैल को घर से निकल गए। वहीं दोनों ने अलीगंज के आर्य समाज मंदिर में आधारकार्ड में दर्ज जन्मतिथि के आधार पर युवती को बालिग बताया। आधारकार्ड दिखाने के बाद आर्य समाज मंदिर के प्रमुख पुजारी ने दोनों की शादी करवा दी और इसका प्रमाण पत्र भी दे दिया।
वहीं शादी का पता घरवालों को चलने पर उन्होंने इस शादी का विरोध जताया। वहीं इस संबंध में माल थाने में मुकदमा दर्ज कराया। जहां अस्पताल द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की। इसके आधार पर रितिका नाबालिग थी। पुलिस ने सुमित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। 24 अप्रैल से उसे 81 दिनों तक जेल में रहना पड़ा। तीन दिन पहले उसे कोर्ट ने जमानत दे दी।
सुमित के मुताबिक, अस्पताल से जारी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर 17 जुलाई को रितिका 18 साल की होने वाली थी। इसका वह इंतजार करता रहा। सुमित के मुताबिक, उसे शुक्रवार रात नींद ही नहीं आई। सुबह होते ही वह रितिका के घर पहुंच गया। उसने रितिका को अपने साथ ले जाने की जिद की। इस पर दोनों परिजनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। हालात मारपीट तक पहुंच गए। इसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। मौके पर माल एसओ राम सिंह अपनी टीम के साथ पहुंचे। वहीं इसकी जानकारी होने पर आशा ज्योति केंद्र की प्रशासनिक अधिकारी अर्चना सिंह भी टीम के साथ पहुंच गईं।
काफी देर तक वहां बातचीत होती रही। आशा ज्योति केंद्र की प्रशासनिक अधिकारी अर्चना सिंह के मुताबिक, थाने में कागजी कार्रवाई के बाद दोनों को आशा ज्योति केंद्र लाया गया। उनकी शादी को लेकर कागजी कार्रवाई पूरी की जा रही है। सोमवार को दोनों को कोर्ट में लेकर जाएंगे जहां रजिस्ट्रार के सामने उनकी शादी कराकर पंजीकरण करवाया जाएगा।