देशभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है. पहली लहर के मुकाबले कोरोना की दूसरी लहर (Covid 19 Second Wave) लोगों की जिंदगी पर ज्यादा भारी पड़ रही है. ऐसे में वैक्सीनेशन (Vaccination) को इस जंग के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है और अब सरकार ने 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को भी वैक्सीन लगवाने की परमिशन दे दी है. टीकाकरण में तेजी आ सके इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें उचित कदम उठा रही हैं. कई राज्य सरकारें फ्री में लोगों को वैक्सीन लगवा रही हैं तो वहीं प्राइवेट अस्पतालों (Private Hospital) में वैक्सीन के लिए लोगों को फीस देनी पड़ रही है.
केंद्र सरकार ने जब वैक्सीनेशन की शुरुआत की तब कंपनियों से कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) 150 रुपये प्रति डोज के हिसाब से सरकार खरीद रही थी और फिर प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों के जरिए टीकाकरण हो रहा था. इसदौरान सरकार अस्पतालों में फ्री वैक्सीनेशन हो रहा था जबकि प्राइवेट में वैक्सीन लगवा रहे लोगों को प्रति डोज 250 रुपये के हिसाब से खर्च करना पड़ रहा था. ये कीमत पहले दो चरणों में थी मगर तीसरे चरण में वैक्सीन की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है.
कोविशील्ड और कोवैक्सीन की कीमत
कोरोना के खिलाफ जंग में कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) को सरकार द्वारा अनुमति मिली हुई है. अगर कोई व्यक्ति प्राइवेट हॉस्पिटल में कोविशील्ड (Covishield Price) लगवाना चाहता है तो इसके लिए उसे 700 से 900 रुपये प्रति डोज खर्च करने पड़ सकते हैं. जबकि कोवैक्सीन (Covaxin Price) के लिए 1250 से 1500 रुपये प्रति डोज के हिसाब से देने पड़ सकते हैं.
प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीनेशन महंगा क्यों?
दरअसल, टाइम्स ऑफ इंडिया ने मैक्स अस्पताल के प्रवक्ता के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया कि, प्राइवेट अस्पतालों को वैक्सीनेशन के लिए जीएसटी और ट्रांसपोर्टेशन का खर्च करना पड़ रहा है. इसी कारण अस्पतालों में वैक्सीन की कीमत काफी ज्यादा है. वहीं 5 से 6 फीसदी वैक्सीन अस्पतालों में खराब हो जा रही है और अस्पतालों को कोविशील्ड के लिए प्रति डोज करीब 710 से 715 रुपये का खर्च करना पड़ रहा है. वहीं वैक्सीन लगाने के लिए 170 या 180 रुपये चार्ज किया जा रहा है. इसमें स्टाफ के लिए PPE किट, सेनिटाइजर, बायोमिडकल वेस्ट डिस्पोजल आदि जरूरी चीजों का खर्च शामिल है. सारा खर्च मिलाकर ही वैक्सीन 900 रुपये प्रति डोज पड़ रही है जबकि सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन की कीमत लगभग आधी है और कई राज्यों ने मुफ्त में वैक्सीन लगवाने का ऐलान किया है.