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पूर्व PM नवाज शरीफ ने खोली पाक सेना की पोल, कहा- कारगिल युद्ध के समय न तो खाना था और न ही हथियार

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कारगिल युद्ध को लेकर कई खुलासे किए हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान फौज के पास ना तो हथियार थे और ना ही खाने के लिए भोजन। उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व आर्मी जनरल और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशरर्फ को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि कारगिल युद्ध पाकिस्तानी सेना ने नहीं बल्कि चंद फौजी जनरलों ने शुरू किया था जिसकी वजह से दुनियाभर में पाकिस्तान की बेईज्जती हुई थी।

Cannot return to Pakistan, might contract COVID-19: Former PM Nawaz Sharif  informs court- The New Indian Express

नवाज शरीफ ने पाकिस्तान के संयुक्त विपक्ष पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की तीसरी रैली को लंदन से संबोधित करते हुए कहा कि इस युद्ध में सेना को बिना रसद और हथियार के लड़ने के लिए भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि जब इस बात की जानकारी उन्हें मिली तो उन्हें बेहद दुख हुआ। नवाज शरीफ ने आगे कहा, ‘कारगिल में हमारे सैकड़ों जाबांजों को शहीद करवाने और दुनियाभर में पाकिस्तान को रूसवां करने का फैसला फौज का नहीं था, चंद जरनलों का था, उन लोगों ने सिर्फ अपने स्वार्थ के खातिर फौज को एक ऐसी जगह जंग में झोंक दिया, जिसका कोई फायदा हासिल नहीं होना था।

Nawaz Sharif Says Pak soldiers did not even have weapons and Food during Kargil war

कारगिल युद्ध का जिक्र करते हुए नवाज शरीफ ने कहा, ‘वो लम्हा मेरे लिए बहुत तकलीफदेह था। जब मुझे ये पता चला कि हमारे बहादुर सिपाही ये दुहाई देते रहे कि दूर चोटियों पर अगर खुराक नहीं है तो कम से कम हथियार तो भिजवाएं.. इस युद्ध से हमें क्या हासिल हुआ।’ कारगिल ऑपरेशन के पीछे वहीं किरदार थे जिन्होंने अपने काली करतूतों पर पर्दा डालने के लिए 12 अक्टूबर 1990 को बगावत की और सत्ता परिवर्तन किया। ये परवेज मुशरर्फ और उनके लोग थे जिन्होंने फौज को बदनाम किया। शरीफ ने मुशर्रफ को बेनजीर भुट्टो की हत्या और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि इमरान खान और राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) के पास मुशर्रफ के खिलाफ मुकदमा चलाने की हिम्मत नहीं थी।