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पुणे पोर्श कांड जैसा एक और मामला, MP की बेटी ने फुटपाथ पर सो रहे व्यक्ति को BMW से कुचला

पुणे पोर्श कांड (Pune Porsche incident) को एक महीने से भी कम समय हुआ है कि एक और हाई-प्रोफाइल (Another high-profile) व्यक्ति से जुड़ा हिट-एंड-रन का मामला (Hit-and-run case) सामने आया है। एक राज्यसभा सांसद की बेटी (Daughter of Rajya Sabha MP) ने कथित तौर पर चेन्नई में फुटपाथ पर सो रहे एक व्यक्ति को अपनी बीएमडब्ल्यू कार से कुचल दिया। व्यक्ति की मृत्यु हो गई और महिला को कुछ ही देर में जमानत भी मिल गई है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार की रात, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद बीड़ा मस्तान राव (Rajya Sabha MP Bida Mastan Rao) की बेटी माधुरी अपनी बीएमडब्ल्यू कार चला रही थी, उसके साथ एक महिला मित्र भी थी। उसने कथित तौर पर चेन्नई के बेसेंट नगर में नशे की हालत में फुटपाथ पर सो रहे 24 वर्षीय पेंटर सूर्या को कार से कुचल दिया। अधिकारियों ने बताया कि माधुरी मौके से तुरंत भाग गई, जबकि उसकी दोस्त कार से उतर गई और दुर्घटना के बाद इकट्ठा हुए लोगों से बहस करने लगी।

कुछ देर बाद वह भी वहां से चली गई। भीड़ में से कुछ लोगों ने सूर्या को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उसकी मौत हो गई। मृतक सूर्या की बात करें तो उसकी शादी को अभी आठ महीने ही हुए थे। दुर्घटना के बाद उसके रिश्तेदार और कॉलोनी के लोग जे-5 शास्त्री नगर पुलिस स्टेशन में कार्रवाई की मांग को लेकर जमा हो गए।

जब ​पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज चेक की तो पता चला कि कार बीएमआर (बीड़ा मस्तान राव) ग्रुप की थी और पुडुचेरी में रजिस्टर्ड थी। माधुरी को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन पुलिस स्टेशन से ही उसे जमानत मिल गई। बीड़ा मस्तान राव 2022 में राज्यसभा सांसद बने और विधायक भी रह चुके हैं। बीएमआर समूह समुद्री खाद्य उद्योग में एक जाना-माना नाम है।

बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र के पुणे में भी इसी तरह का एक हाई प्रोफाइल मामला सामने आया था। नामी बिल्डर विशाल अग्रवाल के किशोर बेटे द्वारा कथित तौर पर चलाई जा रही पोर्श कार ने 19 मई को तड़के कल्याणी नगर में एक बाइक को टक्कर मार दी थी जिसपर सवार आईटी पेशेवर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई थी। वे मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। पुलिस के मुताबिक, किशोर शराब के नशे में गाड़ी चला रहा था।

नाबालिग आरोपी को तुरंत जमानत मिल गई थी। हालांकि मामले ने तब तूल पकड़ा जब नाबालिग आरोपी को जमानत दिए जाने के संबंध में किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) का फैसला सामने आया। जेजेबी द्वारा आरोपी को सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने सहित बहुत ही आसान शर्तों पर जमानत दिए जाने के बाद यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया। इसके बाद आरोपी की जमानत रद्द करते हुए उसे सुधार गृह में भेजा गया।