पाकिस्तानी सेना (Pakistani army) पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में अपनी जायज मांगों को लेकर प्रदर्शनों को कुचलने में जुट गई है। इसी कड़ी में पाकिस्तानी सेना के अधीन काम करने वाले अर्धसैनिक बल पाकिस्तान रेंजर्स (Rangers ) ने मुजफ्फराबाद में प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की है। इस फायरिंग में चार नागरिकों की मौत हुई है, जबकि कई अन्य घायल हैं। आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तान रेंजर्स की इस बर्बरता से पीओके में पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति और गंभीर मोड़ ले सकती है। पीओके के नागरिक महंगाई और शोषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान की सेना उन्हें कुचलने में जुट गई है।
रेंजर्स ने की अंधाधुंध फायरिंग
फायरिंग की घटना तब हुई है, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हिंसक झड़पों का जायजा लेने के लिए इस्लामाबाद में एक आपातकालीन बैठक के बाद पीओके के लिए 23 अरब पाकिस्तानी रुपये की “तत्काल रिलीज” का आदेश दिया है। पीओके से आ रही रिपोर्टों में कहा गया है कि पाकिस्तानी रेंजर्स ने पूरे क्षेत्र से प्रदर्शनकारियों के राजधानी की ओर मार्च करने पर अंधाधुंध गोलीबारी की। पहले ऐसी खबरें थी कि रेंजर्स को पीओके से हटा लिया गया है।
पीओके में हिंसक कैसे हुआ प्रदर्शन
पाकिस्तान के फ्राइडे टाइम्स के अनुसार, ताजा तनाव आटे की बढ़ती कीमतों और बिजली बिलों के विरोध में एक साल पहले क्षेत्र में शुरू हुआ था। यह विरोध प्रदर्शन काफी हद तक अहिंसक था, लेकिन शुक्रवार को स्थानीय पुलिस और फ्रंटियर और पंजाब कांस्टेबुलरी जैसे केंद्रीय बलों ने पीओके के लोगों पर बल प्रयोग करना शुरू कर दिया। इस पर लोगों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस हिंसा में एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई, जबकि दर्जनों घायल बताए जा रहे हैं
प्रदर्शनकारियों पर प्रशासन की सख्ती
प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने के अलावा नाकाबंदी सहित गंभीर पुलिस कार्रवाई के एक दिन बाद शनिवार को सोशल मीडिया पर कई वीडियो में नागरिकों को पुलिस कर्मियों का पीछा करते और पीटते हुए दिखाया गया है। यह विरोध प्रदर्शन जम्मू कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेएएसी) के बैनर तले हो रहा है, जिसका नेतृत्व ज्यादातर व्यापारी कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी पीओके में जलविद्युत उत्पादन लागत के अनुसार बिजली का प्रावधान, गेहूं के आटे पर सब्सिडी और अभिजात्य वर्ग के विशेषाधिकारों को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों को घरों से गिरफ्तार कर रही पुलिस
इससे पहले बुधवार-गुरुवार की रात पुलिस की कार्रवाई में मुजफ्फराबाद और मीरपुर डिवीजनों में उनके घरों से लगभग 70 जेएएसी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था, जिससे गुरुवार को दादियाल में झड़पें शुरू हो गईं। इसके बाद, जेएएसी ने मुजफ्फराबाद की ओर अपने नियोजित लंबे मार्च से एक दिन पहले शुक्रवार की शटर-डाउन और व्हील-जाम हड़ताल की घोषणा की। फ्राइडे टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है, “लेकिन इस सब के केंद्र में क्षेत्र के संसाधनों की लूट और इस शोषण के प्रति पीओके के राजनीतिक नेतृत्व पर जनता का गुस्सा है।”