प्रदर्शनकारियों के झुंड ने पीएम का काफिला (PM’s convoy) बुधवार को पंजाब में मोगा-फिरोजपुर राजमार्ग (Firozpur Highway) पर एक फ्लाईओवर में रोका था। पीएम मोदी के काफिले को 20 मिनट तक फ्लाई ओवर पर फंसा रहना पड़ा। मोदी की सुरक्षा में चूक मामले में 18 घंटे बाद एफआईआर दर्ज हुई थी। यह एफआईआर (FIR) अज्ञात लोगों के खिलाफ 6 जनवरी को सुबह 7.40 बजे दर्ज की गई थी।
इस सड़क जाम मामले में आईपीसी की धारा 283 सार्वजनिक मार्ग या नेविगेशन की लाइन में खतरा या बाधा के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस केस में दोषियों को सजा के रूप में 200 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। हैरानी की बात तो यह है कि इस एफआईआर में पीएम मोदी के फंसने का कोई जिक्र नहीं है। एफआईआर पुलिस अधिकारी बीरबल सिंह की शिकायत पर दर्ज कि गई है। उन्होंने कहा है कि 5 जनवरी को दोपहर 2.30 बजे फ्लाईओवर पर पहुंचे। जब वह वहां पहुंचे, उससे डेढ़ घंटे पहले ही पीएम फंसकर वापस बठिंडा हवाई अड्डे लौट गए थे। वह चुनावी राज्य के किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।
पंजाब भाजपा के सचिव सुखपाल सिंह सरा (Secretary Sukhpal Singh Sara) ने कहा कि यह बेहद अजीब है कि देश के पीएम 1.05 बजे फंस जाते हैं और फिरोजपुर पुलिस को दोपहर 2.30 बजे नाकाबंदी के बारे में पता चला, फिर उन्होंने प्राथमिकी दर्ज करने में इतना समय लगा दिया। पंजाब सरकार ने सुरक्षा उल्लंघन पर शुक्रवार को गृह मंत्रालय (home Ministry) को एक रिपोर्ट भेजी, जिसमें कहा गया कि राज्य पुलिस (state police) ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है और मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
पीएम के दौरे से एक दिन पहले एमएचए को सूचित किया गया था कि पंजाब पुलिस ने सड़क मार्ग अवरुद्ध न होना सुनिश्चित किया गया था। गृह मंत्रालय (home Ministry) की उप सचिव अर्चना वर्मा ने बठिंडा के एसएसपी अजय मलूजा को कारण बताओ नोटिस जारी कर शनिवार शाम तक जवाब देने को कहा है। उन्होंने पूछा है कि पीएम के दौरे के दौरान सुरक्षा चूक पर अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील), नियम, 1969 के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की गई।