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पीएम मोदी की 6 राज्यों के सीएम के साथ वर्चुअल बैठक, कोरोना की तीसरी लहर को लेकर करेंगे चर्चा

देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका और कोरोना की दूसरी लहर की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार समीक्षा बैठक कर रहे हैं। बीते दिनों प्रधानमंत्री पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर वहां की स्थितियों के बारे में जानकारी ली थी। वहीं आज शुक्रवार को पीएम मोदी 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल मीटिंग करने जा रहे हैं। इस बैठक में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, ओडिशा और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शामिल होंगे।  वहीं इस बैठक में कोरोना महामारी का वर्तमान स्थिति और आने वाली तीसरी लहर के बारे में चर्चा करेंगे।

वहीं इसके पहले हुई बैठक में पीएम मोदी ने पूर्वोंत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत करते समय हिल स्टेशनों और बाजारों में उमड़ रही भीड़ को लेकर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि लोग बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के लापरवाही से घूम रहे है।

बैठक में मौजूद मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “कोविड -19 मामलों की संख्या बढ़ रही है,” हमें छोटे स्तर पर स्थिति पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

वहीं पीएम मोदी ने यह भी कहा था कि अधिकारियों को विभिन्न कोविड -19 वेरिएंट्स पर नजर रखने की जरूरत है, जिन भी वेरिएंट्स पर वर्तमान में विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन किया जा रहा है, उन पर नजर रखे जाना जरूरी है। उन्होंने कहा, “हमें कोरोना के हर एक वेरिएंट पर नजर रखने की जरूरत है। ऐसी गतिशील स्थिति में समय पर रोकथाम और उपचार बहुत महत्वपूर्ण है।”

खास बात यह है कि ओडिशा और तमिलनाडु राज्य भी इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं, जो वैक्सीन की कमी की शिकायत करते रहे हैं। आपको बता दें कि ओडिशा में वैक्सीन के अभाव में इस हफ्ते टीकाकरण कार्यक्रम पर रोक दिया गया था। राज्य के स्वास्थ्य सचिव पीके महापात्रा ने कहा था, ‘जुलाई के लिए कोविशील्ड के 25 लाख डोज का आवंटन किया गया था,  जबकि हमें इस महीने दूसरे डोज के लिए कम से कम 28.3 लाख खुराकों की जरूरत थी।

वहीं देश भर के कुल 55 जिलों ने 13 जुलाई को सप्ताह के आखिर में कोविड -19 परीक्षण-सकारात्मकता दर में 10% से अधिक की सूचना दी। इन छह राज्यों में से, ओडिशा और तमिलनाडु वो राज्य हैं जो मुख्य रूप से टीकों की कमी की शिकायत कर रहे हैं।