प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार शाम अपनी कैबिनेट (Modi Cabinet) का सबसे बड़ा विस्तार किया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram nath kovind) ने कुल 43 नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई, जिसमें 15 कैबिनेट मंत्री शामिल हैं. शपथ लेने वाले 28 राज्य मंत्रियों में 7 महिलाएं भी शामिल हैं. मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) में इस फेरबदल के साथ-साथ स्मृति ईरानी (Smriti Irani) का भी रिकार्ड टूट गया है. जिसे पश्चिम बंगाल के कूच बिहार से सांसद निशीथ प्रमाणिक (Nisith Pramanik) ने तोड़ा है. प्रमाणिक को गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री, और युवा मामले और खेल मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है.
मोदी सरकार मई 2019 में दूसरी बार सत्ता में आई तो अमेठी से लोकसभा जीत दर्ज करने वाली स्मृति ईरानी सबसे कम उम्र की मंत्री बनी थीं. स्मृति ईरानी का जन्म 23 मार्च 1976 को हुआ था. यानी 2019 में उनकी उम्र 43 साल थी. वह मोदी सरकार में सबसे कम उम्र की मंत्री थीं, लेकिन अब उनकी उम्र बढ़कर 45 हो गई है. मोदी कैबिनेट विस्तार के बाद अब कई ऐसे युवा मंत्री आ गए हैं, जिनकी उम्र 45 साल से कम है. वहीं, मोदी सरकार में निशीथ प्रमाणिक सबसे कम उम्र के मंत्री बन गए हैं. मात्र 35 साल के निशीथ प्रमाणिक पश्चिम बंगाल के कूचबिहार सीट से लोकसभा सांसद हैं. राजनीति में आने से पहले वह प्राइमरी स्कूल में अध्यापक थे. उन्होंने बीसीए की डिग्री हासिल की है. निशीथ का जन्म 17 जनवरी 1986 को जलपाईगुड़ी में हुआ है और वो बंगाल के अनुसूचित जनजाति राजवंशी समुदाय से आते हैं. कूच बिहार इलाके में सियासी तौर पर राजवंशी समुदाय काफी अहम है.
करीब 54 हजार वोटों से चुनाव जीते थे प्रमाणिक
निशीथ प्रमाणिक का बतौर सांसद ये पहला टर्म है और उन्हें मोदी सरकार ने अपनी मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री के तौर पर शामिल किया है. वो पश्चिम बंगाल के कूचबिहार से 2019 में लोकसभा चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बने हैं. प्रमाणिक ने टीएमसी से राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ममता बनर्जी का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. बीजेपी के टिकट पर उन्होंने कूचबिहार से चुनाव लड़ा था और करीब 54 हजार वोटों से चुनाव में जीत दर्ज की थी. प्रमाणिक कूचबिहार से आने वाले पहले सांसद हैं, जिनको केंद्र में मंत्री बनने का मौका मिला है. बीजेपी ने उन्हें मौका देकर नार्थ बंगाल के सियासी समीकरण साधने का दांव चला है. निशीथ प्रमाणिक ने नार्थ बंगाल में टीएमसी का सफाया कर दिया है और बीजेपी को विधानसभा चुनाव में इसी इलाके में सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं. निशीथ के संसदीय क्षेत्र कूचबिहार में बीजेपी ने 9 में से 7 सीटों पर जीत दर्ज किया है.
शांतनु ठाकुर की उम्र 38 साल
मोदी सरकार में नए मंत्री बने शांतनु ठाकुर भी युवा नेताओं के तौर पर शामिल हैं. वो अभी सिर्फ 38 साल के हैं. शांतनु ठाकुर को बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है. वह पहली बार पश्चिम बंगाल के बनगांव लोकसभा सीट से चुने गए थे. शांतनु ठाकुर मतुआ समुदाय से आते हैं, जिसका बंगाल की सियासत में काफी असर है. इसी वजह से वो पीएम मोदी के साथ चुनाव के बीच बांग्लादेश के ओरकंडी के दौरे पर भी गए थे.
ओरकंडी क्षेत्र हिंदू मतुआ समुदाय के सैकड़ों लोगों का निवास स्थान है. वहां उन्होंने मतुआ समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. पीएम मोदी ने हरिचंद-गुरीचंद मंदिर में पूजा की. सीमा के भारतीय हिस्से में लाखों मतुआ मतदाताओं ने इसे करीब से देखा था।
अनुप्रिया पटेल
अपना दल (एस) से अनुप्रिया पटेल मोदी सरकार में राज्यमंत्री बनी हैं. 40 साल की अनुप्रिया पटेल युवा चेहरे के तौर पर हैं और उत्तर प्रदेश से आती हैं. उन्हें वाणिज्य मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है. अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर संसदीय सीट से लगातार दूसरी बार जीतकर सांसद बनी हैं. 2016 से 2019 तक भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री थीं और अब दोबारा से एक बार फिर उन्हें मोदी सरकार में मौका दिया गया है.
डॉ. भारती प्रवीण पवार
मोदी सरकार में युवा चेहरे के तौर पर डॉ. भारती प्रवीण पवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है. 42 साल के भारती प्रवीण पवार महाराष्ट्र के डिंडोरी से लोकसभा सांसद हैं, जिनका सांसद के रूप में पहला कार्यकाल है. उन्होंने नासिक जिला परिषद के सदस्य के रूप में कार्य किया और कुपोषण को मिटाने और साफ पानी के लिए काम किया. वे मेडिकल प्रैक्टिशनर भी थीं और उन्होंने एनडीएमवीपीएस मेडिकल कॉलेज नासिक से सर्जरी में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की.
डॉक्टर एल मुरुगना
मोदी सरकार में तमिलनाडु से मंत्री बनने वाले एकलौते चेहरे के तौर पर शामिल 44 साल के डा. एल मुरुगन हैं. उन्हें मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में राज्य मंत्री, और सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है. वो 15 साल तक मद्रास हाईकोर्ट में प्रेक्टिस और 2017 से 2020 तक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष थे. मुरुगुन ने मद्रास विश्वविद्यालय से कानून में एलएलएम और पीएचडी की है. वे तमिलनाडु के कोंगु नाडु इलाके से आते हैं.