पाकिस्तान (Pakistan) से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय सीमा (international border) पर ड्रोन (drone) गतिविधियों से सुरक्षा चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है। यहां पाकिस्तान चीन (Pakistan China) की मदद से ड्रोन के जरिए लगातार जासूसी का प्रयास कर रहा है। साथ ही सीमा पार से अवैध तरीके से हथियार और ड्रग्स की तस्करी भेजने की कोशिशें भी जारी हैं।
आपको बता दें कि, पंजाब से सटी सरहद पर पाकिस्तान छह ड्रोन ऑपरेटिंग सेंटर चला रहा है। हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के लिए वह चीन और तुर्की के आधुनिक ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है। घुसपैठ और तस्करी के लिए पाकिस्तान की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने में जुटी हैं। यही नहीं, पाक के पास एयर स्ट्राइक में इस्तेमाल होने वाला बायरकटार टीबी-2 ड्रोन भी देखा जा चुका है।
खबरों की माने तो पंजाब सीमा पर पिछले एक साल से पाकिस्तान हथियार और ड्रग्स तस्करी के लिए लगातार ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है। हथियारों से लेकर हेरोइन की खेप ड्रोन के जरिये भेजी जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े उच्च सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ने पंजाब की सरहद के पास छह ड्रोन ऑपरेटिंग सेंटर बना रखे हैं, यहां न केवल ड्रोन को कंट्रोल करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, बल्कि वहां से उन्हें लोड कर उड़ाया भी जा रहा है।
हाल ही में पाकिस्तान के पास बायरकटार टीबी-2 ड्रोन भी देखा गया है, जो 700 किलो वजन उठाने की क्षमता रखता है। इस ड्रोन का इस्तेमाल युद्ध में किया जाता है। खेमकरण व फिरोजपुर के नजदीक सीमा के उस पार कई स्थानों पर तस्कर पाक रेंजर्स की मदद से ड्रोन उड़ाने में महारत हासिल कर रहे हैं। पिछले चार माह में 55 बार ड्रोन गतिविधियां हुईं हैं। इंटेलिजेंस के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक आतंकी समूहों ने बीते साल चीन से अत्याधुनिक ड्रोन खरीदे हैं। ये ड्रोन न सिर्फ रडार की नजर से बचकर लंबा सफर तय करने में सक्षम हैं, बल्कि ज्यादा विस्फोटक भी ले जा सकते हैं।