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पाकिस्तानी आतंकी अशरफ ने कबुला ब्लास्ट और रेकी का सच, स्लीपर सेल बन कर ऐसे देता था अंजाम

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जिस पाकिस्तानी आतंकी को दबोचा है, वह लगतार सनसनीखेज खुलासे कर रहा है। पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद अशरफ ने पूछताछ में बताया है कि वर्ष 2011 में हाईकोर्ट के बाहर जो ब्लास्ट हुए थे उस दौरान इसने ही हाईकोर्ट की रेकी की थी। इस खुलासे बाद दिल्ली पुलिस की पूछताछ करने वाली टीम हैरान रह गयी। संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकी अशरफ को ब्लास्ट में शामिल एक संदिग्ध की फोटो दिखाई गई तो अशरफ ने बताया कि उसने ही हाईकोर्ट की रेकी की थी। बताया जा रहा है कि यह आतंकी उस ब्लास्ट में शामिल था या नहीं ये अभी पूछताछ में साफ होगा। अशरफ से राॅ, एनआईए और एमआई ने भी लंबी पूछताछ की है।

2011 के आसपास इसने आईटीओ स्थित पुलिस हेडक्वाटर (पुराना पुलिस हेडक्वाटर) की रेकी की थी। अशरफ बताया कि कई बार रेकी की लेकिन ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई क्योंकि पुलिस हेडक्वाटर के बाहर लोगों को रुकने नहीं देते थे। उसने बताया कि आईएसबीटी की भी रेकी करके ये जानकरियां इसने पाकिस्तान के हैंडलर्स को भेजी थी। अशरफ दिल्ली के किसी ब्लास्ट में स्वयं शामिल भी रहा है या नहीं, इसको लेकर पूछताछ जारी है। इससे पहले मंगलवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार आतंकी पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाह ने कहा था कि मोहम्मद अशरफ लंबे वक्त से फर्जी आईडी के साथ भारत में रह रहा था और स्लीपर सेल की तरह काम कर रहा था।  इसके पास से एके-47, ग्रेनेड, कारतूस, बुलेट, आदि मिले थे।

अशरफ केा आईएसआई हैंडल कर रही थी। स्पेशल सेल के अनुसार अशरफ को बांग्लादेश के रास्ते से भारत भेजा गया था। यह सिलीगुड़ी से भारत में दाखिल हुआ था। भारत में अशरफ ने शादी भी कर ली थी। स्पेशल सेल ने बताया कि उसने गाजियाबाद की किसी लड़की से शादी की थी। 40 साल का यह शख्स दिल्ली-एनसीआर में पीर-मौलाना बनकर झाड़ फूंक का काम भी करता था। पाकिस्तानी आतंकी अशरफ ने अब तक की पूछताछ में पांच बड़े खुलासे किये हैं।

1- साल 2009 में जम्मू में बस स्टैंड पर किया था ब्लास्ट, 3-4 लोगों की हुई थी मौत, आईएसआई के अफसर नासिर के कहने पर हमला किया था।
2- साल 2011 में दिल्ली हाई कोर्ट ब्लास्ट की रेकी इसने की थी और धमाका करने के लिए 2 पाकिस्तानी आए थे जिसमें से एक का नाम गुलाम सरवर था।
3- जम्मू कश्मीर में पांच आर्मी के जवानों की बेरहमी से हत्या की बात कबूली है जिसको अभी परखा जा जा रहा।
4- आईएसआई के अफसर नासिर के कहने पर कई बार जम्मू कश्मीर में हथियार आपूर्ति करने गया था।
5- आईएसआई अफसर से बात हमेशा ई-मेल के जरिए होती थी, ईमेल में ड्राफ्ट में मेसेज छोड़ा जाता था।