नाबालिग लड़के की प्रेम कहानी में जब पंचों की एंट्री हुई तो उन्होंने तुगलकी फरमार जारी कर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया। यह राशि नहीं जमा कराने पर घर को जलाने की धमकी दी गई। इसका असर यह हुआ कि इस लड़के को पालने वाले चाचा-चाची को जहर खाने पर मजबूर होना पड़ा। इलाज जारी है, लेकिन अब भी उनकी जिंदगी खतरे में है। मामला चित्तौड़गढ़ जिले के निंबाहेड़ा का है।
पंचों के फरमान से परेशान दंपती ने जहर खाकर सुसाइड करने की कोशिश की
पुलिस ने बताया कि बंगरेड़ा मामादेव ग्राम पंचायत में रंजीत राव और उसकी पत्नी सुनैना ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की। दोनों अपने बेटे की तरह पाल रहे भतीजे को लेकर पंचों के दबाव के चलते परेशान थे। निंबाहेड़ा थाने के एएसआई नवलराम ने बताया कि 17 अप्रैल को रंजीत ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसकी जान को खतरा है, लेकिन 18 अप्रैल को दोनों पक्षों में राजीनामा हो गया था।
पंचों की धमकी और पीड़ित की गुहार
इससे पहले पीड़ित रंजीत ने कान्हा मीणा, भंवरलाल मीणा और मोती मीणा के साथ प्रतापगढ़ निवासी पिंटू मीणा व पुष्कर मीणा पर जान से मारने का आरोप लगाया था। रिपोर्ट में कहा था कि पिंटू और पुष्कर को प्रतापगढ़ से बुलाया गया था। इन दोनों ने धमकी दी है कि अगर 5 लाख या ढाई बीघा जमीन नहीं दी तो घर जला देंगे। पंचों ने कहा-कलेक्टर-एसपी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं, क्योंकि हम तो आदिवासी हैं।
अब पढ़िए भतीजे की प्रेम कहानी
पीड़ित रंजीत का नाबालिग भतीजा उसी गांव की अपने से चार साल बड़ी युवती के साथ प्यार करने लगा और 1 जनवरी को उसे लेकर भाग गया था। दोनों को पुलिस ने पकड़ा और युवती को उसके माता-पिता को सौंप दिया। मां-बाप ने मध्य प्रदेश के मनासा में लड़की की शादी करवा दी। इसके बाद भी दोनों के बीच प्रेम कम नहीं हुआ। दोनों मिलते जुलते रहे और गत एक मार्च को लड़की दोबारा रंजीत के भतीजे के चली गई। लड़की के परिवार वालों ने रंजीत पर दबाव बनाना शुरू किया। इस पर 17 अप्रैल को रंजीत ने लड़की के पिता और परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था।
पंचों की कोर्ट में सुनवाई और सुनाया तुगलकी फरमान
युवती के घर वाले 18 अप्रैल को दोनों को चित्तौड़ से निंबाहेड़ा लाए और राजीनामा के लिए पंचों को बुलाया गया। 20 अप्रैल को पंच-पटेलों ने पंचायत बुलाई। फैसला में रंजीत पर 5 लाख रुपये का जुर्माना या ढाई बीघा जमीन दोनों में से एक अदा करने का फरमान सुनाया। शर्त रखी कि इस आदेश को नहीं माना गया तो रंजीत का घर जला दिया जाएगा। इससे परेशान होकर रंजीत और उसकी पत्नी ने जहर खा लिया। दरअसल नाबालिग लड़के के माता-पिता की मौत हो चुकी है और वह अपने चाचा रंजीत रावल और चाची सुनैना रावल के साथ रहता है।