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परिवार को टूटने से बचाने उत्तर प्रदेश का युवक कर रहा पदयात्रा, बागेश्वर धाम में लगाएगा अर्जी

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने परिवार को एकजुट बनाए रखना बेहद मुश्किल भरा हो चुका है. बदलते समय के साथ संयुक्त परिवार टूटकर न्यूक्लियर फैमिली में बदलते जा रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश का एक ऐसा युवक है, जो परिवार को टूटने से बचाने के लिए 500 किलोमीटर पैदल चलकर भगवान से प्रार्थना करने जा रहा है.

भिण्ड जिले में एक ऐसा भक्त दिखाई दिया जो अपने परिवार को एकजुट रखने के लिए उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद से मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम अर्जी लगाने निकल पड़ा है.फिरोजाबाद से पैदल यात्रा पर निकला यह युवक करीबन 500 किलोमीटर चलकर बागेश्वर धाम पहुँचेगा. वह यहाँ परिवार को एक रखनेहनुमान जी से अर्जी लगाएगा.

फिरोजाबाद के ग्राम घाघउ के विनय प्रताप ने बातचीत में बताया कि उसके पिता जी बचपन में शान्त हो गए थे, जिसके बाद परिवार में दो भाई माँ तीन लोग है. बड़े भाई की शादी होने के बाद परिवार में एकजुट रहने की सहमति नहीं रही ऐसे में विनय की भाभी अलग रहने की लिए परिवार पर दबाव बनाने लगी, लेकिन विनय को ये रास नही आया, परिवार एक रखने के लिए बागेश्वर धाम के लिए अकेला हाथ मे हनुमानजी का झंडा लेकर निकल पड़ा, विनय करीब 100 किलोमीटरपैदल चलकर भिण्ड जिले की सीमा में प्रवेश कर चुका विनय का कहना है में लगभग दो दिन से पैदल चल रहा हूं. हमारा परिवार ना बिखरे इसके लिए बागेश्वर हनुमानजी के यहां अर्जी लगाकर ही वापस लौटूंगा.

रास्ते में बैग हो गया चोरी, अब रह गया खाली हाथ
विनय जब उत्तरप्रदेशइटावा के करीब पहुँचा जहाँ एक जगह रुक गया तभी पास में खड़े एक सवारी वाहन पर अपना बैग रखकर हैंडपंप पर पानी पीने लगा जब वापस देखा तो बैग नही मिला, इसके बाद भी मन में आस्था इतनी कि खाली हाथ ही आगे बढ़ गया. अब हाथ में केवल हनुमान का झण्डा है.

बागेश्वर धाम मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है. विनय भिण्ड सेग्वालियर होते हुए झांसी पहुँचेगा. उसके बाद झांसी से छतरपुर होते हुए बागेश्वर धाम के लिए पहुँचेगा. अन्न जल न मिलने पर भी अपनी पैदल यात्रा जारी रखता है. उसने बताया कि रास्ते में अगर मन्दिर मिल जाता है तो वहाँ रुक जाता है जहां भोजन कर लेता है. न मिलने परभी चलता रहता है, साथ ही बाजार से कोई आहार नहीं लेता है.