तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) के खिलाफ बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (BJP MP Nishikant Dubey) ने लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर खिलाफ शिकायत दी है. उनका कहना है कि मुंबई के एक बिजनेसमैन के कहने पर महुआ मोइत्रा ने लोकसभा में सवाल पूछे. इसके लिए उन्हें कैश और गिफ्ट दिए गए. निशिकांत का दावा है कि वकील जय अनंत देहाद्राई ने उनको इस बाबत सबूत भी दिए हैं.
बीजेपी सांसद का कहना है कि महुआ मोइत्रा ने संसद में कुल 61 में से करीब 50 ऐसे सवाल पूछे जो कि सुरक्षा से जुड़े थे. ये मामला बेहद गंभीर है. जो कि पैसे के बदले संसद में सवाल पूछने से जुड़े 12 दिसंबर 2005 के ‘कैश फॉर क्वेरी’ प्रकरण की याद दिलाता है. इसमें 11 सांसदों की सदस्यता चली गई थी.
‘सबूत आ गए, वो बेनकाब हो चुकी हैं’
निशिकांत ने अपनी शिकायत में लिखा, जब भी सदन चला तब महुआ और सौगत रॉय हमेशा सदन डिस्टर्ब करते रहे. इससे पीछे मकसद था कि सरकार के जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाने से रोका जा सके. अब सबूत आ गए हैं कि सवाल के बदले पैसे और उपहार लिए गए तो वो बेनकाब हो चुकी हैं.
‘स्पीकर मामले में एक जांच कमेटी बनाएं’
बीजेपी सांसद की मांग है कि स्पीकर इस मामले में एक जांच कमेटी बनाएं. जब तक कमेटी की जांच पूरी नहीं होती, तब तक महुआ को लोकसभा की सदस्यता से सस्पेंड रखा जाए. उन्होंने स्पीकर को भेजे पत्र के साथ शिकायत करने वाले का पत्र भी दिया है.
‘क्या महुआ ने हीरानंदानी से पैसे लिए’
इस मामले में पश्चिम बंगाल बीजेपी के महासचिव व विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा है कि निशिकांत दुबे के आरोप पर हम जानना चाहते हैं क्या महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी से पैसे लिए हैं. इसकी जांच होनी चाहिए. अगर साबित हो गया तो उन्हें सांसद पद से बर्खास्त कर दिया जाए. इस मामले में हीरानंदानी ग्रुप का बयान भी आया है. इसमें कहा गया है कि आरोपों निराधार हैं. हम व्यवसाय करते हैं, राजनीति नहीं. हमारे समूह ने हमेशा देश के हित में सरकार के साथ काम किया है.
इस मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने तंज कसते हुए कहा, ‘एक कॉलेज/विश्वविद्यालय खरीदने के लिए अपनी गलत कमाई और उपहारों का उपयोग कर रही हूं. ताकि ‘डिग्री दुबे’ एक असली डिग्री खरीद सकें’. लोकसभा स्पीकर कृपया झूठे हलफनामे के लिए उनके खिलाफ जांच पूरी करें. फिर मेरी जांच के लिए कमेटी गठित करें.
उन्होंने आगे कहा, ‘फर्जी डिग्रीवाला’ और अन्य के खिलाफ विशेषाधिकारों के उल्लंघन के मामले लंबित हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई के तुरंत बाद मेरे खिलाफ किसी भी प्रस्ताव का स्वागत है.