इस साल 7 अक्टूबर से नवरात्रि (Navratri) शुरू होने वाली हैं। नवरात्री में घट स्थापना करने और अखंड ज्योति (Akhand Jyoti) प्रज्वलित करने का काफी महत्व है। यह दुर्गे मां की कृपा पाने का बेहतरीन तरीका होता है। इससे मां दुर्गा (Maa Durga) भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी कर देती हैं। मगर घट स्थापना और अखंड ज्योति को लेकर जो नियम (Akhand Jyoti Rules) बताए गए हैं, उनका पालन करना बेहद आवश्यक होता है। वरना इसके उलटे परिणाम मिलते हैं।
अखंड ज्योति से जुड़े नियम
– अखंड ज्योति (Akhand Jyoti) को जमीन पर न रखें बल्कि लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर दीपक रखें।
– अखंड ज्योति की विधि-विधान से पूजा करें। ज्योति प्रज्वलित करने से पहले संकल्प लें और पूरे भक्ति-भाव से देवी मां से इसे निर्विघ्न पूरा करने के लिए प्रार्थना करें।
– 9 दिनों तक चौबीसों घंटे अखंड ज्योति प्रज्वलित रहनी चाहिए। दिए की लौ बुझनी नहीं चाहिए, ऐसा होना बेहद ही अशुभ होता है। लिहाजा इसके लिए पहले से ही इंतजाम कर लें।
– ध्यान रहे लौ को कभी पीठ न दिखाएं।
– जब तक घर में अखंड ज्योति जले घर को कभी अकेला न छोड़ें।
– मां की आराधना और जाप करें।
– अखंड ज्योति को बिना हाथ धुले न छुएं।
– अखंड ज्योति के लिए शुद्ध देसी घी का ही इस्तेमाल करना अच्छा होता है मगर ऐसा संभव न हो तो तिल या सरसों का तेल प्रयोग करें।
– अगर घर में अखंड ज्योति प्रज्वलित न कर पाएं तो मंदिर में जाकर ज्योति के लिए घी दान करें।
-अखंड ज्योति में रूई के स्थान पर कलावे का इस्तेमाल करें और इसकी लंबाई अधिक रखें जिससे वह 9 दिनों तक जलती रहे।
– सबसे खास बात यह है कि नवरात्रि समाप्त होने पर भी दीपक को खुद ही ठंडा होने दें, उसे बुझाने की गलती कभी न करें।