बिहार के कैमूर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र अधौरा में 10 साल बच्ची की निर्मम हत्या का मामला सामने आया है. मामला अधौरा थाना क्षेत्र के एक गांव का है, जहां बुधवार को बच्ची गांव स्थित दुकान पर खड़ी थी. वहीं, देर शाम अपना चार्जर लाइट लाने के लिए वो गांव के ही निर्माणाधीन आवासीय विद्यालय में गई थी, लेकिन वापस लौट कर नहीं आई. इधर, परिजन बुधवार की पूरी रात बच्ची को खोजते रहे, पर उसका कहीं कुछ पता नहीं चला.
शव मिलने की दी सूचना
इसी क्रम में गुरुवार की सुबह में निर्माणाधीन आवासीय विद्यालय में काम कर रहे मजदूरों द्वारा छत पर एक लड़की का शव होने की बात गांव वालों को बताई गई. सूचना पाकर जब परिजन पहुंचे तो बच्ची का शव छत पर पड़ा देखा. शव देखकर लोगों की रूह कांप उठी. बच्ची के गालों में आरपार सरिया डाला हुआ था. वहीं, कान में भी दोनों तरफ से सरिया डालने के निशान थे. कान और पैर जले हुए थे. गर्दन पर भारी चीज से मारने का जख्म दिखाई दे रहा था. पूरा शरीर जख्मों से भरा पड़ा था. शव देखने के बाद परिजनों दुष्कर्म कर हत्या की आशंका जताई है. परिजनों की मानें तो रिमोट एरिया होने की वजह से उनके गांव में लाइट की व्यवस्था नहीं है. इमरजेंसी लाइट से काम चलाना पड़ता है. उसी लाइट को चार्ज करने के लिए बच्ची निर्माणाधीन आवासीय विद्यालय में गई हुई थी. वहां से वापस भी आई थी, लेकिन फिर अचानक गायब हो गई. रात भर बच्ची की तलाश की गई. लेकिन वो नहीं मिली. सुबह निर्माणाधीन आवासीय विद्यालय की छत पर उसका शव मिला.
रेप के बाद हत्या की आशंका
परिजनों ने आशंका जताते हुए कहा, ” हमें शक है कि विद्यालय बनाने के काम में लगे बंगाल से आए मजदूरों ने बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी है. ऐसे में हमें न्याय चाहिए. आरोपियों के फांसी मिले प्रशासन से हमारी यही मांग है.” इधर, घटना के संबंध में कैमूर एसपी राकेश कुमार ने बताया कि 10 वर्षीय बच्ची का शव बरामद किया गया है, जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. पुलिस द्वारा पूरे मामले की जांच की जा रही है. प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है.