झारखंड में लगातार असामाजिक तत्वों की तरफ से साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश की जा रही. पहले राजधानी रांची और धनबाद में धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ और प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया गया और अब शरारती तत्वों ने एक धार्मिक स्थल को अपवित्र कर धार्मिक भावनाओं के ठेस पहुंचाया. इसको लेकर हुए विवाद को नियंत्रण करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. वहीं आक्रोशित लोगों ने धार्मिक स्थल पर पेशाब करने के आरोप में चार युवकों को पकड़कर जमकर पिटाई की. इसके अलावा आक्रोशित भीड़ ने कई गाड़ियों तोड़फोड़ भी की.
दरअसल झारखंड के गिरिडीह जिले के पचम्बा थाना क्षेत्र के तेलोडीह में एक समुदाय विशेष की भावना को ठेस पहुंचाने के लिए कुछ शरारती तत्वों ने समुदाय विशेष के धार्मिक स्थल में घुसकर पेशाब (अपवित्र) कर दिया. बताया जा रहा है कि तीन-चार युवक धार्मिक स्थल के पास एक कार से पहुंचे थे. वहीं धार्मिक स्थल पर पेशाब करते हुए देखकर स्थानीय लोगों ने उन चारों युवकों को पकड़ कर जमकर पिटाई कर दी. वहीं उनके कार को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया.
भीड़ ने आरोपियों को पीटा
धार्मिक स्थल को अपवित्र करने की सूचना मिलते ही लोग इतने उग्र हो गए कि पुलिस के समझाने बुझाने के दौरान भी उन पर पथराव शुरू कर दिया. वहीं भीड़ को नियंत्रण मेंं करने के लिए पुलिस को मजबूरन फायरिंग और लाठीचार्ज करना पड़ा. अगर पुलिस लाठी चार्ज नहीं करती तो उग्र भीड़ कानून को हाथ में लेते हुए चारों युवकों को मौत के घाट उतार देती.
विधायकों ने की समझाने की कोशिश
वहीं घटना की जानकारी मिलने के बाद गिरिडीह सदर के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और गांडेय विधायक सरफराज अहमद भी घटनास्थल पर पहुंचे. इन लोगों ने उग्र भीड़ को समझाने का प्रयास किया लेकिन वह कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थी. वहीं दो समुदाय के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए काफी बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बलों की तैनाती पूरे क्षेत्र में की गई है.
चार युवकों से पूछताछ
गिरिडीह जिले के एसपी अमित रेनू ने भी लोगों से अफवाह पर ध्यान नहीं देने हुए शांति बनाए रखने की अपील की. एसपी ने कहा कि धार्मिक स्थल को अपवित्र करने के आरोप में चार युवकों से पूछताछ की जा रही है. बताया जा रहा है कि उग्र भीड़ आरोपी युवकों को इस कदर पीट रही थी, जिससे उनकी मौत भी हो सकती थी.
भीड़ ने की तोड़फोड़
इस दौरान तिरोड़ी के मुखिया शब्बीर आलम आरोपी युवकों को भीड़ से बचाने का प्रयास करने लगे तो उन्होंने उनके साथ भी हाथापाई कर दी. इसके बाद दो और लोग बाइक से उनको बचाने पहुंचे तो माहौल बिगड़ गया और दो समुदाय के बीच तनाव बढ़ गया. धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने से आक्रोशित लोग सड़क से गुजरने वाली एक चार पहिया गाड़ी सहित कई वाहनों में भी तोड़फोड़ कर दी. इससे वहां का माहौल और खराब हो गया और अफरा-तफरी मच गई.
फायरिंग और लाठीचार्ज
तोड़फोड़ की सूचना मिलते ही सदर एसडीपीओ अनिल सिंह और नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी पुलिस जवानों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और लोगों को वहां से हटाने की कोशिश की. इस दौरान स्थानीय लोगों ने अचानक पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद विवश होकर पुलिस को स्थिति को नियंत्रण करने के लिए हवाई फायरिंग और लाठीचार्ज करना पड़ा.