उत्तराखंड के उत्तरकाशी (Uttarkashi of Uttarakhand) जिला स्थित द्रौपदी का डांडा-टू पर्वत चोटी (Danda-to mountain peak) के पास हुए हिमस्खलन से रेस्क्यू किये गए 8 प्रशिक्षुओं को लाया गया है, जबकि अभी तक 4 लोगों के शव भी बरामद कर बेस कैम्प लाया गया है। इसकी पुष्टि जिलाधिकारी ने की है।
आपको बता दें कि नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) के 34 प्रशिक्षु पर्वतारोही और 7 प्रशिक्षकों की एक टीम मंगलवार को हुए एक हिमस्खलन में फंस गई थ। बचावकर्मियों को अब तक 10 शव दिखे हैं, जिनमें से 4 को बरामद कर लिया गया है। घटना की सूचना मिलने के तत्काल बाद एसडीआरएफ और 3 एनआईएम प्रशिक्षकों की 5 सदस्यीय टीम को डोकरियानी ग्लेशियर में हेलीकॉप्टर से उतारा गया था।
भारतीय वायु सेना के मुताबिक हिमस्खलन की चपेट में आए प्रशिक्षु पर्वतारोही 17,000 फीट की ऊंचाई पर फंस गए। उधर उत्तराखंड सरकार ने कहा कि अंधेरा होने के कारण रात में बचाव का काम रोक दिया गया था, जो आज सुबह यानि बुधवार को फिर से शुरू होगा। जबकि नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने द्रौपदी का डंडा- II पर्वत शिखर पर हिमस्खलन में 4 पर्वतारोहियों की मौत की पुष्टि की है।
बताया जा रहा है कि 34 प्रशिक्षुओं और 7 पर्वतारोहण प्रशिक्षकों सहित कुल 41 लोग हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। घटना के बाद उत्तराखंड एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया था कि द्रौपदी की डंडा-2 पर्वत चोटी पर लगातार भारी बर्फबारी हो रही है। इसके बावजूद एनआईएम के पर्वतारोहण प्रशिक्षुओं को बचाने के लिए भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों के माध्यम से रेकी के प्रयास जारी हैं, जबकि उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा था कि बचाव की कोशिश के बाद 8 लोगों को बचा लिया गया, जबकि अन्य के सटीक स्थान का अभी पता नहीं चल पाया है। IAF के एक अधिकारी ने कहा कि उत्तर काशी में बचाव और राहत कार्यों के लिए भारतीय वायुसेना के 2 चीता हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। अन्य सभी हेलिकॉप्टरों के बेड़े को किसी भी अन्य जरूरत के लिए स्टैंडबाय पर रखा गया ह।
उल्लेखनीय है कि नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तरकाशी के 22 सितंबर 2022 से 08 अक्टूबर 2022 तक , बेसिक/ एडवांस कोर्स (जिसमें बेसिक कोर्स में 97 प्रशिक्षणार्थी 24 प्रशिक्षक, 01 अधिकारी सहित कुल 122 एडवांस कोर्स में 44 प्रशिक्षणार्थी, 09 प्रशिक्षक कुल 53 लोग हैं ) संचालित है। इसमें एडवांस कोर्स के लिए वर्तमान में माउनटेन ट्रेनिंग के लिए निकले थे।