90 के दशक में कश्मीर पर इस्लामिक राज स्थापित करने के लिए वहां के मूल निवासी हजारों पंडितों की उन्हीं के पड़ोसी मुस्लिमों द्वारा नरसंहार पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ The Kashmir Files को कई राज्यों ने टैक्स फ्री (Tax Free) कर दिया है, लेकिन पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल इस फिल्म को टैक्सी फ्री करने का विचार नहीं कर रही है.
इस बीच ‘द कश्मीर फाइल्स’ विवाद में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) भी कूद पड़ी हैं. उन्होंने इशारे इशारे में कहा है कि कोई भी इस फिल्म को हॉल में जाकर ना देखें. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि फिल्मों में बनावटी कहानी होती है, इसमें कोई सच्चाई नहीं है. फिल्मों पैसों के लिए बनाई जाती है.
उल्लेखनीय है कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर पूरे देश में दो धड़ा खड़ा हो गया है. एक पक्ष इस फिल्म को जम्मू कश्मीर में पंडितों पर हुए बर्बर अत्याचार का दस्तावेज मानता है तो दूसरा पक्ष इसे राजनीतिक लाभ लेने के लिए बनाई गई फिल्म करार दे रहा है. अब ममता बनर्जी भी इस विवाद में कूद पड़ी हैं.
नफरत और हिंसा फैलाने के लिए बनाई गई है फिल्म
सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते विधानसभा में कहा कि किसी को भी सिनेमा हॉल में जाकर फिल्म देखने की जरूरत नहीं है. ऐसी फिल्में जानबूझकर बनाई गई हैं, ताकि नफरत फैले और हिंसा हो. उन्होंने कहा कि यह बनावटी कहानी है.इसमें कोई सच्चाई नहीं है. फिल्म फिल्म होती है और पैसे देकर इसे बनाया जाता है. उन्होंने कहा कि कोई भी इस तरह की फिल्म देखकर बंगाल में किसी भी तरह का माहौल बिगाड़ने की कोशिश ना करें नहीं तो अंजाम बुरा होगा.
इस बीच, पीएम नरेंद्र मोदी के इस संदेश के बाद बंगाल में बीजेपी के नेता भी ‘द कश्मीर फाइल्स’ को देखने के लिए उमड़ पड़े. बंगाल बीजेपी महिला मोर्चा का नेतृत्व मंगलवार को बीजेपी विधायकों की टीम स्वभूमि स्थित मल्टीप्लेक्स में जाकर फिल्म देखी. पार्टी का युवा मोर्चा के सदस्यों ने पहले ही ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखने पहुंचे. विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और मिहिर गोस्वामी भी मंगलवार दोपहर सिटी सेंटर फिल्म देखने गए. उन्होंने पश्चिम बंगाल में रह रहे बांग्ली हिंदुओं को लेकर ममता सरकार पर निशाना साधा था.