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दर्जन भर बीमारियों को दूर रखता है यह एक आसन, जानिए करने की विधि और जबरदस्त लाभ

हम अकसर सुनते हैं कि फिट रहने के लिए योग जरूरी है. नियमित योग करने से आप कई बीमारियों से दूर रहते हैं. यह तन और मन दोनों के लिए लाभकारी है. इसलिए आज हम आपके लिए लेकर आए हैं बितिलासन के फायदे. बितिलासन को करने से न केवल गर्दन को मजबूती मिलती है बल्कि लोअर बैक, घुटने आदि की कमजोरी भी दूर हो सकती है.

क्या है वितिलासन
यह आसन हिंदी में गाय आसन के नाम से जाना जाता है. वहीं इंग्लिश में इसे काउ पॉज (cow pose) के नाम से जानते हैं. आज का हमारा लेख इसी आसन पर है. इस खबर में हम आपके लिए इसके फायदे और करने का तरीका बता रहे हैं.

कैसे करते हैं वितिलासन (How to do Bitilasana)

  1. सबसे पहले आप जमीन पर योगा मैट विछाएं
  2. अब मैट पर दोनों घुटनों को टेकें और बैठ जाएं.
  3. दोनों हाथों को जमीन पर रखें और अपने कूल्हों को उठाएं.
  4. आपके हाथ और जांघ दोनों एक ऊंचाई पर होने चाहिए.
  5. अब गाय की तरह अपनी स्थिति को लेकर आएं.
  6. इस दौरान आपको लंबी और गहरी सांस लेना है
  7. इसके बाद सर को ऊपर की तरफ उठाएं.
  8. जितना हो सके उतना नाभि को नीचे की तरफ धकेलें.
  9. आपकी रीढ़ की हड्डी के निचला हिस्सा ऊपर की तरफ होना चाहिए.
  10. ध्यान रहे कि आपके घुटनों के बीच में कुछ दूरी होनी चाहिए.
  11. इस दैरान आपके हाथ भी मुडे नहीं होने चाहिए.
  12. अब अपने सिर को फिर ऊपर की तरफ उठाएं और अपनी कमर को सीधा करें.
  13. इस पर क्या को तकरीबन 10 से 15 बार दोहराएं.

बितिलासन को करने से मिलने वाले फायदे (Benefits of doing Bitilasana)

  1. तनाव और इनसोम्निया की समस्या दूर हो सकती है.
  2. घुटनों के, कंधों के और कूल्हों के जोड़ों को मजबूती मिलती है
  3. कलाई मजबूत होने के साथ हाथ और कंधे भी मजबूत बनते हैं.
  4. गर्दन, कंधे के तनाव को दूर करने में उपयोगी है.
  5. रीढ़ की हड्डी में फ्लैक्सिबिलिटी यानी लचीलापन बरकरार रहता है
  6. इस आसन को कहने से सोते समय बॉडी पोश्चर में सुधार ला सकता है.
  7. नियमित इसका सेवन करने से पाचन क्रिया तंदुरुस्त होती है.

बितिलासन करते वक्त बरतने वाली सावधानी

  • शुरुआत में आप इसे एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें.
  • गर्दन की समस्या होने पर इसे न करें.
  • इसे करते वक्त गर्दन पर ज्यादा जोर ना डालें.
  • इसे करते वक्त नाभि पर ज्यादा जोर ना दें.
  • आपके घुटनों के बीच में थोड़ा गैप होना जरूरी है.