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तालिबानी सरकार के 33 मंत्रियों में से 14 आतंकी, यूएनएससी की सूची में भी शामिल

तालिबान की 33 मंत्रियों की सरकार में 14 आतंकी हैं। कई उपमंत्री और गवर्नर भी इनमें शामिल हैं। प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद, उसके दोनों उप प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और मौलवी अब्दुल सलाम हनफी जैसे कई नाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की काली सूची में शामिल हैं। वहीं अमेरिकी इनामी सूची में भी इनके नाम हैं। रक्षामंत्री मुल्ला याकूब, विदेश मंत्री मुल्ला अमीर खान मुत्तकी और डिप्टी शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई भी आतंकियों में हैं।


सिराजुद्दीन हक्कानी

गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी पर काबुल में धमाके कर अमेरिकियों सहित छह की हत्या का आरोप है। एफबीआई को उसकी तलाश है। रिफ्यूजी मंत्री खलील हक्कानी पर भी इनाम है। मुल्ला अब्दुल लतीफ मंसूर जल व ऊर्जा मंत्री और नजीबुल्ला हक्कानी दूरसंचार मंत्री हैं। अर्थव्यवस्था मंत्री कारी दीन हनीफ, उपगृहमंत्री मौलवी नूर जलाल भी आतंकी हैं।

खैरुल्लाह खैरख्वाह

1998 में शिया, हजारा, ताजिक और उज्बेक मुसलमानों का नरसंहार करवा चुके तालिबान फाइव के नाम से कुख्यात आतंकियों में शामिल मुल्ला मोहम्मद फाजिल को उप रक्षामंत्री, खैरुल्लाह खैरख्वाह को सूचना एवं संस्कृति मंत्री, मुल्ला नूरुल्लाह नूरी को सीमा व कबीलाई मंत्री, मुल्ला अब्दुल हक वासिक को खुफिया मंत्रालय का निदेशक और मोहम्मद नबी ओमारी को खोस्त राज्य का गवर्नर बनाया गया।

पांचों को अमेरिका ने गुआंतेनामो जेल में डाल रखा था। इन्हें ओबामा ने 2014 में रिहा किया था ताकि अगवा अमेरिकी सैनिकों को छुड़वा सकें।

अफगानिस्तान का दूसरे देशों पर आतंकी हमले के लिए सुरक्षित पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल न हो

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने अफगानिस्तान में वैश्विक आतंकी खतरे से निपटने के लिए पूरी दुनिया से हर कदम उठाने का आह्वान किया है। साथ ही गुटेरस ने युद्धग्रस्त देश में समावेशी सरकार के लिए उसकी मदद करने का आग्रह किया।


गुटेरस ने कहा, अफगानिस्तान का दूसरे देशों पर आतंकी हमले के लिए सुरक्षित पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल न हो। उन्होंने सुरक्षा परिषद और विश्व बिरादरी से इस पर एक स्वर में बात करने और मिलकर काम करने का आह्वान किया। गुटेरस ने कहा कि वहां नागरिकों के मौलिक मानवाधिकार का सम्मान सुनिश्चित हो। तालिबान की कार्यवाहक सरकार को खारिज किया एनआरएफ ने पंजशीर में तालिबान शासन से टक्कर ले रहे नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट (एनआरएफ) ने तालिबान की कार्यवाहक सरकार को खारिज करते हुए समानांतर सरकार बनाने का एलान किया है। एनआरएफ नेता अहमद मसूद ने कहा कि नेताओं से बात कर हम प्रगतिशील लोकतांत्रिक और विधिसम्मत सरकार बनाएंगे। यह जनता के वोट से बनेगी और इसकी अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता होगी। तालिबान की गैरकानूनी सरकार अफगानिस्तान की सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा है।