दुनिया विकास की दौड़ में काफी आगे बढ़ चुकी है. इसके बावजूद कई बार ऐसे मामले सामने आ जाते हैं, जिनसे पता चलता है कि दुनिया अब भी पिछड़ी हुई है. दरअसल साल 2021 में भी कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें लगता है कि होमोसेक्सुअल होना एक बीमारी है.
क्या है पूरा मामला?
मर्सिया शहर के रीना सोफिया अस्पताल में एक महिला चेकअप के लिए गई. जब उसे रिपोर्ट सौंपी गई, तो उसमें बीमारी वाले स्थान पर ‘समलैंगिक’ लिखा था. इस बात ने लड़की और उसकी मां को चौंका दिया कि समलैंगिकता बीमारी कैसे हो सकती है. डॉक्टर से चेकअप के बाद 19 वर्षीय लड़की ने कहा ‘पहले, मुझे लगा कि यह मजाक है, लेकिन ऐसा नहीं था.’
मां-बेटी ने की डॉक्टर की शिकायत
इसके बाद मां-बेटी की जोड़ी ने स्थानीय एलजीबीटी कलेक्टिव गैलेक्टीको (LGBTQ) की मदद से मर्सिया की रीजनल सरकार, क्षेत्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवा के दफ्तर में ऑफिशियली एक शिकायत दर्ज कराई. इस शिकायत में यह आरोप लगाया गया है कि डॉक्टर अभी भी समलैंगिकता को एक बीमारी के रूप में देखते हैं, जो अब न केवल अवैध है बल्कि मानवाधिकारों की भी अवहेलना करता है.
LGBTQ समुदाय आज भी झेलता है ऐसी समस्याएं
गैलेक्टीको ने एक बयान में कहा, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 1990 में समलैंगिकता को मानसिक बीमारियों की सूची से हटा दिया था, और 31 साल बाद भी, मर्सिया की स्वास्थ्य सेवा में अभी भी कुछ पेशेवर हैं जो सेक्सुअल ओरिएंटेशन को एक बीमारी के रूप में देखते हैं. इस तरह की मानसिकता के कारण एलजीटीबीक्यू (LGBTQ) समुदाय को प्रतिदिन भेदभाव, हिंसा और अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ता है. समूह ने कहा कि वह डॉक्टर और अस्पताल से स्पष्टीकरण और माफी मांग रहा है.