धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों ही अशुभ होते हैं। माना जाता है कि ग्रहण के दौरान पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव-जंतुओं पर नकारात्मक असर पड़ता है। वैज्ञानिकों की मानें तो जब पृथ्वी सूर्य और चांद के बीच आ जाती है तो चंद्रमा पर प्रकाश नहीं पड़ पाता, इसी स्थिति को चंद्र ग्रहण कहा जाता है। आपको बता दें कि 19 नवंबर 2021 को शुक्रवार के दिन साल का दूसरा चंद्र ग्रहण पड़ने वाला है। 19 नबंवर के दिन सुबह 11.34 बजे से ग्रहण शुरू होगा, जो शाम 05.33 बजे खत्म होगा। ये आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, जो भारत सहित यूरोप और एशिया के अधिकांश हिस्सों में नजर आएगा।
हिंदू पंचांग के मुताबिक साल का यह दूसरा चंद्र ग्रहण विक्रम संवत 2078 में कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारत में उपछाया के रूप में लगेगा, इसकी वजह से इस चंद्र ग्रहण का कोई सूतक काल नहीं माना जाएगा। आपको बता दें कि सूतक काल के दौरान खाना पकाने और पूजा-पाठ करना वर्जित होता है। इसके साथ ही ग्रहण के दौरान भगवान का ध्यान करते है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है। हालांकि इस चंद्र ग्रहण को लेकर लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता नहीं होगी।
यह राशियां होंगी प्रभावित
चंद्र ग्रहण वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में लगने जा रहा है, इसलिए इस ग्रहण की वजह से मुख्य रूप से पांच राशियां प्रभावित होंगी। यह राशियां हैं- वृष, कन्या, वृश्चिक, धनु और मेष।
वृष राशि के लोगों को इस दौरान वाद-विवाद से बचने की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही अपने खर्चों पर लगाम लगानी होगी क्योंकि इस दौरान आर्थिक नुकसान की उम्मीद है। ज्योतिषाचार्य ने वृष राशि के जातकों को एकांत में भगवान का नाम जपने की सलाह दी है।
चंद्र ग्रहण के दौरान लोग राहु-केतु से संबंधित मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि चंद्र को ग्रहण राहु-केतु की वजह से लगता है। इसके अलावा ग्रहण के दौरान हनुमान चालीसा, दुर्गा चालीसा, विष्णु सहस्त्रनाम, श्रीमदभागवत गीता आदि का पाठ करना बेहतर होता है।