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जम्मू-कश्मीर में 370 के बाद दूसरे राज्यों के सिर्फ दो लोगों ने खरीदी जमीन

संसद में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद दूसरे राज्यों के सिर्फ दो लोगों ने वहीं जमीन खरीदी है। लोकसभा में यह सवाल सांसद रामलिंगम और गनेशमूर्ति ने उठाया था। केंद्र सरकार ने संसद में एक सवाल के जवाब में बताया है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद दूसरे राज्यों के सिर्फ दो लोगों ने जम्मू और कश्मीर में जमीन खरीदी है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन को बताया कि सरकार के पास उपलब्ध ब्योरे के तहत सिर्फ दो ऐसे लोग हैं जो जम्मू-कश्मीर के बाहर के हैं और जिन्होंने अगस्त 2019 के बाद वहां पर जमीन की खरीद की।

लोकसभा में ये सवाल सांसद रामलिंगम और गनेशमूर्ति ने पूछा था कि सरकार सदन को बताये कि धारा 370 हटने के बाद दूसरे राज्यों के कितने लोगों ने जम्मू-कश्मीर में जमीन की खरीद की। उनका कहना था कि दूसरे राज्यों के लोगों को वहां जमीन की खरीद में परेशानी आ रही है। उन्होंने सरकार से सारा विवरण मांगा था। अब सरकार के जवाब से ये साफ हो गया है कि देश के दूसरे हिस्सों में रह रहे लोग वहां बसने या कारोबार करने के इच्छुक नहीं हैं। यानि सरकार का मंसूबा पूरा नहीं हो सका। गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया था।

अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला था, लेकिन यह संविधान के उन मूल अधिकारों पर भी चोट करता था, जिसे संविधान संविधान की आत्मा कहा जाता है। इसके लागू रहने से जम्मू-कश्मीर बाकी देश से एक तरह से अलग दिखाई देता था। 370 ने देश को एक देश, दो विधान, दो प्रधान और दो निशान का एहसास कराया। धारा 370 के तहत जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष अधिकार मिले थे। जम्मू-कश्मीर का अलग झंडा और अलग संविधान चलता था। रक्षा, विदेश और संचार के विषय छोड़कर सभी कानून बनाने के लिए राज्य की अनुमति जरूरी थी।