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जम्मू एयरबेस पर हुए ड्रोन हमले पर बड़ा खुलासा, चश्मदीदों ने बताया सच, अब पाक की खैर नहीं!

जम्मू और कश्मीर (Jammu kashmir) में वायुसेना के अड्डे पर हुए ड्रोन हमले (Drone Attack) पर बड़ा खुलासा हुआ है। जिसके बाद जांच में जुटी एजेंसियों का शक पाकिस्तान पर गहरा गया है। हमले को लेकर चश्मदीदों ने खुलासा किया कि एयरबेस पर हमले के लिए एक नहीं बल्कि दो ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया था। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के आधार पर मानें तो जो अधिकारी जम्मू एयरबेस पर ड्रोन हमले की जांच कर रहे हैं उनका कहना है कि हमलावरों ने दो ड्रोन का इस्तेमाल किया। जिसमें विस्फोटक पदार्थ आरडीएक्स था। एक सैन्य अधिकारी का कहना है, ‘शुरुआती जांच में विस्फोटक एक सामान्य उपकरण लगता है जिसका जमीन से संपर्क होते ही असर दिखने लगा।‘

बताया जा रहा है कि, ड्रोन्स भारत-पाकिस्तान सीमा की दिशा में पश्चिम की तरफ बढ़ रहे थे। लेकिन अब तक इस बात के कोई सबूत नहीं है कि ड्रोन कहां से उड़े थे और वापस कहां लौटे हैं।jammu airport drone attackलेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि पिछले दिनों हुई घटनाओं से जुड़े कई मामलों की जांच में यह पता चला है कि इसी तरह के ड्रोन का इस्तेमाल हथियार गिराने के लिए भी हुआ है।

घाटी में पिछले कुछ दिनों से आतंकी संगठन सक्रिय हो गए हैं और मुठभेड़ की खबरें भी सामने आई हैं। बीते सप्ताह ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शोपियां के पास से नदीम औरतालिब-उर-रहमान को 5 किलोग्राम विस्फोटक उपकरण लगाने के आरोप में हिरासत में लिया था। जब पुलिस ने इस मामले की जांच की तो पता चला दोनों के पास जो विस्फोटक है वो सीमा पार से ड्रोन के जरिए लाया गया था।

जम्मू सीमा क्षेत्र में ड्रोन को लेकर लगातार खबरें सामने आ रही हैं। जिसके बाद से सुरक्षा एजेंसियां और भारतीय सेना अलर्ट पर है। सूचना मिली है कि पिछले महीने कम से कम 30 ड्रोन देखे गए हैं। लेकिन कुछ मामले इसलिए गलत साबित हो गए क्योंकि सेना के जवानों ने धरती के करीब घूम रहे सैटेलाइट्स को या प्लैनेट्स को ड्रोन समझ लिया था। इसके अलावा जो सबूत ड्रोन को लेकर मिले हैं उनमें ये भी पता चला है कि सीमा पार से ड्रोन के माध्यम से विस्फोटक और हथियार गिराए गए हैं। जिससे किसी बड़ी साजिश को अंजाम दिया जा सके। हालांकि अब तक साजिश को लेकर कोई खुलासा नहीं हुआ है लेकिन जांच एजेंसियां लगातार ड्रोन हमले की सच्चाई जानने में जुटी हुई हैं। गौरतलब है कि इससे पहले भी आतंकी संगठनों द्वारा सेना के अड्डों को निशाना बनाया जा चुका है और आतंकी सेना के जवानों के खिलाफ साजिश रचते आए हैं।