मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी अब मान लिया है कि, प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री का चेहरा संगठन तय करेगा. उन्होंने शुक्रवार को सतना में मीडिया से बातचीत में कहा कि, सरकार में फिर आने पर मैं मुख्यमंत्री रहूंगा या कोई और बनेगा, यह संगठन तय करेगा. सतना में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा गया था कि, फिर से बीजेपी की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा, शिवराज सिंह चौहान या सतना के सांसद गणेश सिंह? इस पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, बीजेपी देश का सबसे बड़ा और संस्कारी संगठन है. मुख्यमंत्री का चेहरा मैं नहीं बीजेपी संगठन तय करेगा.
दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को सतना कटनी और जबलपुर में बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में ताबड़तोड़ रोड शो और चुनावी रैलियां की. जबलपुर में सबसे आखरी चुनावी सभा को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि, कमलनाथ की सरकार उनके पाप के बोझ से गिरी थी. सीएम ने कहा, कमलनाथ पूछते हैं कि मेरा क्या गुनाह है तो उनको बताना चाहता हूं कि, आपका गुनाह था कि बेटियों की शादी का पैसा उन्हें नहीं दिया, उनका पैसा भी खा गए. गरीबों का कफन खा गए. बच्चों का लैपटॉप बंद किया, बेटा-बेटी के जन्म के पहले मिलने वाला पैसा बंद किया. आपके पाप के बोझ से आपकी सरकार गिर गई.
इनके हाथों प्रदेश को लुटने नहीं देंगे- सीएम
सीएम ने आगे कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि, मिस्टर बंटाधार और कमलनाथ की जोड़ी जय और वीरू की जोड़ी नहीं है, यह छेनू और श्याम की जोड़ी है. सीएम ने कांग्रेस नेताओं की तरफ इशारा करते हुए कहा कि, दोनों 1971 में आई गुलजार के निर्देशन में बनी फिल्म ‘मेरे अपने’ के हर समय झगड़ने वाले किरदार ‘श्याम’ और ‘छेनू’ की तरह हैं, न कि शोले के ‘जय’ और ‘वीरू’ जैसे दोस्तों सरीखे हैं.
कमलनाथ और दिग्विजय का नाम लिए बगैर शिवराज ने कहा कि, कांग्रेस नेता उन्हें जय और वीरू (शोले में अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र द्वारा निभाए गए किरदार) कहते हैं, लेकिन वे वास्तव में श्याम और छेनू (मेरे अपने में विनोद खन्ना और शत्रुघ्न सिन्हा द्वारा निभाए गए किरदार) हैं, जो अपने क्षेत्रों में प्रभुत्व बनाए रखने के लिए हर समय लड़ते रहते हैं. ये लूटने वाले लोग हैं. इन्होंने प्रदेश को बर्बाद कर दिया, लेकिन अब इनके हाथों प्रदेश को लुटने नहीं देंगे.